26 Apr 2024, 06:41:14 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

बस्तर। धरती का स्वर्ग कहलानें वाला बस्तर, जिसका इतिहास दंडकारण्य के रूप में पौराणिक गाथाओं में भी मिलता हैं। इस स्वर्ग को कुछ समय पहले ऐसी नजर लगी कि धरती का ये स्वर्ग धमाकों और गोलियों की आवाजों से गुंजने लगा। लेकिन अब समय ने ऐसी करवट ली हैं कि बस्तर अब वह बस्तर नहीं रहा है। जिसे देश दुनियां में पिछडा इलाका कहा जाता था। अब बस्तर करवट ले रहा है। अब बस्तर बदल रहा है..प्रदेश का पहला ऐसा गांव जो डिजिटल इंडिया को साकार करता दिखाई दे रहा है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला डिजिटल गांव बनने वाला जगदलपुर जिले के बस्तर ब्लाक का बालेंगा गांव, जो जिला मुख्यालय से करीब 24 किलोमीटर दूर बसा ये गांव जहां लोग डिजिटल के मायने नही जानते थे। देश दुनिया से पूरी तरह से अलग रहा बस्तर कभी तरक्की की परिभाषा को भी ठीक ढंग से नहीं जानता था। लेकिन इस गांव में हुए कुछ प्रयास ने सब कुछ बदल दिया है। बस्तर ब्लाक में पंचायत भवन से लेकर स्कूल तक डिजीटल हो चुके हैं। प्रदेश का बालेगा गांव को डिजीटल बनाने की पहल जिला प्रशासन और बस्तर जनपद ने की.इस पहल का परिणाम था कि बालेंगा में मिडिल और हाईस्कूल को वाईफाई की सुविधा से लैस कर दिया गया।
 
श्याम पट की जगह अब प्रोजेक्टर ने ले ली हैं। इंटरनेट और वाई फाई की सुविधा से लैस हो चुके स्कूल में बच्चे अब प्रोजेक्टर कम्युटर और लैपटाप के जरिए अध्ययन के विषयों को समझते हुए नजर आए इस नई तकनीक से जहां बच्चे काफी उत्साहित हैं तो वही शिक्षक भी इस नई तरह की पढ़ाई से बच्चों में ज्ञान की अलख जगाने के लिए प्रयासरत हैं। बच्चों का मानना है कि इस नई तकनीक के जरिए वे देश दुनिया को असानी से जान सकेगें। बस्तर के बच्चों के लिए अब देश विदेश की बातें जाने अब काफी आसान हो चला हैं। समय समय पर मॉनिटरिंग करने पहुंच रहे डाईट के अधिकारियों का मानना हैं कि देश विदेश में बच्चों की पढ़ाई किस तरीके से हो रही है। इस बात को बस्तर के बच्चे भी जान सकेगें।
 
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