नई दिल्ली। राष्ट्रपति पद के लिये संभावित साझा उम्मीदवार के नाम पर सहमति बनाने के लिए विपक्ष की अहम बैठक में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के नाम पर मुहर लग गई है। अब एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के खिलाफ कांग्रेस समेत 17 विपक्षी दलों ने मीरा कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है।
बुधवार को कांग्रेस नेता मीरा कुमार ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से मुलाकात की थी, जिसके बाद सरगर्मी बढ़ गई थी। इस बीच सीपीएम नेता सीताराम येचुरी का भी बयान आया था कि विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव जरूर लड़ेगा।
इससे पहले गुरुवार को राष्ट्रपति चुनाव पर संसद भवन की लाइब्रेरी में विपक्ष की बैठक हुई। बैठक में कांग्रेस से सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, अहमद पटेल, गुलाम नबी आज़ाद, ए.के. एंटनी, मल्लिकार्जुन खड़गे मौजूद रहे। बीएसपी से सतीश मिश्र, टीएमसी से डेरेक ओ ब्रायन, सपा से रामगोपाल यादव, नरेश अग्रवाल, आरएलडी से अजीत सिंह, नेशनल कांफ्रेंस से उमर अब्दुल्ला, एनसीपी से शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, तारिक़ अनवर, सीपीएम से सीताराम येचुरी, सीपीआई से डी. राजा भी बैठक में शामिल हुए।
मायावती ने भी मीरा का किया समर्थन
विपक्ष की ओर से मीरा कुमार का नाम आने के बाद मायावती ने भी अपना रुख बदला है। मायावती की पार्टी बीएसपी ने भी मीरा कुमार के समर्थन का एलान कर दिया है। दरअसल एनडीए की ओर से रामनाथ कोविंद को उतारने के बाद मायावती ने कहा कि उन्हें अगर विपक्ष कोई मजबूत दलित प्रत्याशी नहीं उतारता है तो उन्हें रामनाथ कोविंदा को ही समर्थन देना पड़ेगा।
NDA उम्मीदवार को समर्थन देंगे नीतीश
राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद की जीत अब पक्की मानी जा रही है। मंगलवार को शिवसेना के समर्थन के बाद बुधवार को जेडीयू ने भी कोविंद को अपना समर्थन दे दिया है। जेडीयू की घोषणा के बाद बीजेपी की राह और आसान हो गई है। वहीं आरजेडी आगामी राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार पर फैसला आज लेगा। नीतीश कुमार के घर पर हुई पार्टी बैठक में एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का फैसला लिया।
अब मीरा कुमार-रामनाथ कोविंद आमने-सामने
एजुकेशन के लिहाज से देखा जाए तो रामनाथ कोविंद और मीरा कुमार दोनों ही काबिल व्यक्ति हैं। लोकसभा अध्यक्ष के रूप में मीरा कुमार की सफल पारी को देश की जनता देख चुकी है। मीरा कुमार अगली पीढ़ी की दलित हैं। असल में वे पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम की पुत्री हैं और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस जैसे प्रतिष्ठित कॉलेज से पढ़ाई की है। वे 1970 में भारतीय विदेश सेवा के लिए चुनी गई थीं और कई देशों में राजनयिक के रूप में सेवा दे चुकी हैं।
कौन हैं मीरा कुमार ?
मीरा कुमार के दिग्गज कांग्रेस नेता बाबू जगजीवन राम की बेटी हैं। 2009 से 2014 के बीच वह लोकसभा की स्पीकर रहीं है। वह लोकसभा की पहली महिला स्पीकर के रूप में 3 जून 2009 को निर्विरोध चुनी गई। बिहार के सासाराम में जन्मी मीरा कुमार पांच बार सांसद रह चुकी हैं। आपको बता दें कि एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का जन्म भी 1945 में हुआ है और मीरा कुमार का जन्म भी 1945 में ही हुआ है। इसके साथ ही मीरा कुमार भी वकील रह चुकीं हैं और रामनाथ कोविंद भी वकालत कर चुके हैं।
ऐसे होगा चुनाव
- 4896 वोटर राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा ले सकेंगे। इनमें 4120 MLAs और 776 MPs शामिल हैं।
- 20 AAP के विधायकों के खिलाफ हाउस ऑफ प्रॉफिट के मामले में केस चल रहा है, लेकिन इलेक्शन कमीशन का कहना है कि आज की बात करें तो ये लोग वोट डाल सकेंगे।
- 12 नॉमिनेटेड राज्यसभा मेंबर्स भी वोट नहीं डाल सकेंगे। इसके अलावा, लोकसभा में दो एंग्लो-इंडियन कम्युनिटी के नॉमिनेटेड मेंबर्स भी वोट नहीं डाल सकेंगे।
- 10 खाली सीटें हैं राज्यसभा की, जिनके लिए चुनाव की घोषणा राष्ट्रपति चुनाव के बाद ही की जाएगी।
20 जुलाई को होगी मतों की गिनती
निर्वाचन कार्यक्रम के तहत राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 28 जून निर्धारित की गई है। नामांकन करनेवाले व्यक्ति को बतौर उम्मीदवार 15 हजार रुपए जमानत राशि के रूप में जमा कराने होंगे। नामांकन पत्रों की जांच 29 जून तक पूरी कर ली जाएगी। वहीं नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि एक जुलाई नियत की गई है। इसके बाद जरूरत पड़ने पर 17 जुलाई को मतदान होगा और 20 जुलाई को मतगणना की जाएगी।