26 Apr 2024, 05:29:55 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

जबलपुर। 24 घंटे बिजली का दावा तो किया जा रहा है, पर न तो अफसर हकीकत जानने तैयार हैं और न ही सरकार चलाने वाले नेता। सिर्फ कागजों में बने आंकड़ों को परोसकर खुद ही वाहवाही लूट रहे हैं। आज भी ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग बिजली के लिए परेशान हैं।   

शहरों में सप्लाई, गांवों में कटौती-बिजली कंपनी संभाग मुख्यालय, जिलों में पर्याप्त बिजली की सप्लाई दे रही है। संभाग मुख्यालय जबलपुर से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में तहसील इलाके में जाकर पूछा गया तो ग्रामीणों ने खुलकर कहा कि साहब बिजली कब आएगी यह किसी को पता नहीं होता है। कभी तो पूरी रात, कभी पूरे दिन तो कभी 24 घंटे बिजली नहीं आती है। 

तारों में नहीं दौड़ता करंट

गोसलपुर निवासी लक्ष्मण पटैल का कहना था कि बिजली कभी आती है तो कभी नहीं आती है।  मनखेड़ी निवासी सुभाष लोधी ने बताया कि बिजली 24 घंटे में 2 घंटे भी मिल जाए तो बड़ी बात है। बुढ़ागर निवासी अनीता बाई की मानें तो गांव में एकबत्ती कनेक्शन के नाम पर बिजली की तार दौड़ाई गई हैं, पर उनमें करंट रहता ही नहीं।

कंपनी के सभी जिलों के यही हाल-पूर्व क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी में आने वाले जबलपुर, सागर, रीवा रीजन में आने वाले जिलों में तो पर्याप्त बिजली सप्लाई है, पर इन जिलों से जुडेÞ ग्रामीण इलाकों के हाल बेहाल हैं। शहडोल, उमरिया, कटनी, अनुपपुर, डिंडोरी, सतना, रीवा, सीधी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, दमोह, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना के ग्रामीण इलाकों में अघोषित कटौती का दौर जारी है। 

यहां से मिल रही बिजली-प्रदेश के पास बिजली की उपलब्धता थर्मल पॉवर (सारणी, अमरकंटक, संजय गांधी, चचाई) से 1808 मेगवॉट बिजली मिल रही है। इसी तरह जल विद्युत से 510 मेगावॉट तथा एनटीपीसी से प्रदेश को मिलने वाले हिस्से में 5265 मेगवॉट बिजली उपलब्ध हो रही है। वहीं प्रदेश सरकार के द्वारा लगाए गए विंड सोलर से 708 मेगावाट बिजली प्रदेश को मिल रही है। इस तरह मप्र में 8291 मेगावॉट बिजली उपलब्ध है। वहीं उपलब्ध बिजली से उत्तर प्रदेश को भी 200 मेगावाट बिजली प्रदेश दे रहा है। इस तरह दावे तो सरप्लस के किए जा रहे और दूसरे प्रदेश को बिजली दी जा रही है। 

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