बिलासपुर। दुर्ग. जम्मूतवी एक्सप्रेस में अचानक कोच बदलने के कारण एसी कोच के यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बर्थ नहीं मिलने पर यात्री इधर.उधर भागते रहे। वहीं वेटिंग व आरएसी के यात्रियों को एसी की जगह स्लीपर में सीट मिली। नाराज यात्रियों ने जोनल स्टेशन में हंगामा किया। कुछ यात्रियों ने यात्रा भी रद्द कर दी। इस ट्रेन में ए.2 व बी.4 कोच लगना था। इन दोनों कोच के साथ ट्रेन जम्मूतवी से दुर्ग पहुंची थी। लेकिन मंगलवार को वहां से रवाना होने से कुछ घंटे पहले पता चला कि इन दोनों कोच का एसी बिगड़ा हुआ है। ऐसे में दोनों की जगह दो संयुक्त कोच ;एसी.2 व एसी.3द्ध लगाकर ट्रेन को रवाना किया गया।
ट्रेन तय समय पर दुर्ग से रवाना हुई और दोपहर 2ण्30 बजे बिलासपुर स्टेशन पहुंची। यहां पहुंचने के बाद ए.2 व बी.4 में रिजर्वेशन वाले यात्रियों को कोच ही नहीं मिला। कुछ यात्री स्टेशन मास्टर के पास पहुंचे। जहां उन्हें बताया गया कि इन दोनों कोच के बदले एबी.1 व एबी.3 दो संयुक्त कोच लगाया गया है। इस कोच में यात्री अपनी.अपनी बर्थ पर बैठ सकते हैं। कोच में पहुंचने के बाद एक बड़ी समस्या सामने आई। ए.2 के यात्री जिनका 24 नंबर तक रिजर्वेशन थाए वह तो आसानी से बर्थ पर बैठ गए। लेकिन 25 नंबर के आगे के यात्रियों को बर्थ नहीं मिल रही थी। एक कोच में 24 बर्थ एसी.2 और 32 बर्थ एसी.3 के थे। इसके आगे के यात्रियों की बर्थ ही नहीं मिली। ऐसे में यात्री परेशान होकर इधर से उधर भटकते रहे। एकजुट होकर स्टेशन मास्टर के पास पहुंचे और परेशानी बताई। जैसे.तैसे उनकी समस्या दूर कर बर्थ पर बैठाया गया।
कंफर्म बर्थ के यात्रियों की परेशानी दूर हो तो वेटिंग व आरएसी के यात्रियों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। दरअसल इन यात्रियों को एसी के बजाय स्लीपर में सीट दे दी गई। इससे यात्री भड़क गए। सभी नाराज थे और कोई भी एसी को किराया देकर स्लीपर में जाने को तैयार नहीं था। काफी समझाने के बाद कुछ यात्री स्लीपर में जाने को तैयार हुए। लेकिन कई ने यात्रा रद्द कर दी।
इस व्यवस्था से नहीं होती दिक्कत
बर्थ आवंटित करने की व्यवस्था में सावधानी बरत कर रेलवे इस समस्या से बच सकती थी। एसी.2 में 25 नंबर के बाद वाले बर्थ के यात्रियों को दूसरे कोच में आवंटित कर जानकारी चस्पा करनी थी। इससे यात्रियों को आसानी होती। लेकिन किसी ने इस व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया। इसी गड़बड़ी के चलते आरएसी व वेटिंग के यात्रियों को बर्थ नहीं मिल और आटोमेटिक स्लीपर कोच में जगह दे दी गई।