26 Apr 2024, 11:13:01 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

बिलासपुर। जाति के मसले पर प्रदेश की गरमाई सियासत के बीच पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी हाईपावर  कमेटी के आदेश पर रोक लगाने गुरुवार को बिलासपुर पहुंचे। माना जा रहा है कि वे कमेटी की रिपोर्ट पर स्टे लेने की कोशिश में हैं, लेकिन इधर उनसे पहले स्टे के लिए आवेदन करने के लिए याचिकाकर्ता संत कुमार नेताम ने भी केवियट दाखिल कर दिया है। केवियट दाखिल होने के बाद अब न्यायालय को जोगी को स्टे देने से पहले नेताम का पक्ष सुनना पड़ेगा। नेताम का पक्ष जानने के बाद ही न्यायालय स्टे लगाने पर फैसला कर पाएगा। 
 
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ) के संस्थापक अध्यक्ष अजीत जोगी आदिवासी नहीं हैं, सरकार की उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने बैठक में गुपचुप तरीके से यह रिपोर्ट तैयार की है। जोगी का दावा है कि उन्हीं के एक विश्वस्त सूत्र ने इस बात की जानकारी दी है। समिति के फैसले की खबर लगते ही प्रदेश की राजनीति गरमा गई है।  बुधवार को जोगी ने पत्रकार वार्ता बुलाकर छानबीन समिति की अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति और उनके फैसले पर सवाल उठाया। जोगी ने कहा कि वे हाईकोर्ट में याचिका लगाकर छानबीन समिति के फैसले को चुनौती देंगे।  

मुख्यमंत्री पर लगाए आरोप
जोगी का मुख्यमंत्री पर आरोप है कि उन्होंने ग्रामसभा के फैसले को दरकिनार करते हुए अपनी इच्छा के मुताबिक समिति की रिपोर्ट तैयार कराने के लिए अध्यक्ष और सदस्यों को बदला। प्रमुख सचिव या सचिव स्तर के अधिकारी के बजाय, विशेष सचिव स्तर की महिला अधिकारी को समिति का अध्यक्ष बनाया। 

यह है पूरा मामला
जोगी ने बताया कि 1986-87 से उनकी जाति पर सवाल उठाया जा रहा है। पिछले 30 साल में एक बार इंदौर हाईकोर्ट, दो बार जबलपुर हाईकोर्ट, एक बार बिलासपुर हाईकोर्ट और एक बार सुप्रीम कोर्ट तक मामला जा चुका है। भाजपा नेता दिलीप सिंह भूरिया जब अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे तब उन्होंने अपने घर में काम करने वाले संत कुमार नेताम के माध्यम से जोगी के आदिवासी नहीं होने की पहली शिकायत दर्ज कराई थी।
 
भूरिया ने आयोग की रिपोर्ट में जोगी के आदिवासी नहीं होने का फैसला भी दिया था। बिलासपुर हाईकोर्ट ने उनके फैसले को खारिज कर दिया था। इसके बाद भूरिया सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में छत्तीसगढ़ सरकार को उच्च स्तरीय छानबीन समिति से जांच कराने का आदेश दिया था। 

जोगी किसी भी कोर्ट जाएं, कमेटी की रिपोर्ट ही अंतिम: साय
जोगी के जाति मामले पर भाजपा नेता नंद कुमार साय ने जोगी के मामले में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने फोन पर बातचीत में बताया कि वे इस समय पश्चिम बंगाल के दौरे पर है। उन्हें जोगी के जाति के मामले में सूचना मिली है और उन्होंने कहा कि जोगी चाहे हाईकोर्ट चले जाए या सुप्रीम कोर्ट जाए। वहां कुछ नहीं होने वाला है। जाति मामलों में माधुरी पाटिल की कमेटी की सिफारिश पर सभी प्रांतो में बने हाई पॉवर कमेटी का निर्णय ही अंतिम फैसला होता है। साय राष्ट्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष।
 
रिपोर्ट से सरकार का कोई लेना-देना नहीं: रमन
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के आरोप को मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सिरे से नकार दिया है। जाति के मुद्दे पर समिति की रिपोर्ट को दुर्भावनापूर्ण बताने के जोगी के बयान पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी कमेटी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बनी थी। उससे सरकार का कोई लेना-देना नहीं। जो भी होगा अब कोर्ट फैसला लेगी, सरकार पर आरोप लगाना गलत है दरअसल अजीत जोगी ने खुद को रमन सिंह का शत्रु नंबर एक बताया था।
 
जोगी ने यह भी आरोप लगाया था कि निकाय चुनाव में हार के बाद रमन सिंह ने विद्वेष पूर्ण कार्रवाई की है। यही नहीं कमेटी को लेकर भी अजीत जोगी ने सवाल खड़े किए थे। आज मुख्यमंत्री रमन सिंह ने साफ कर दिया कि कमेटी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनायी गई थी। उससे सरकार का कोई लेना-देना नहीं है।
 
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