बिलासपुर। भू- माफियों का खेल लिगिंयाडीह में जोर शोर से चल रहा है। शहर से लगे ग्राम लिगिंयाडीह मे एक के बाद एक प्रकरण सामने आते जा रहे हैं। पहले खाते से ज्यादा जमीन की बिक्री का मामला सामने आया था जिसमे प्रकरण पंजीबद्ध हो गया है, जिसमें धारा 420, 120 बी, 467, 468, 471 लगी है।
अभी एक मामला 3 एकड़ 8 डिसमिल का है, जो डबल रजिस्ट्री का है जिस पर पहले रजिस्ट्री वाले आज तक अपनी जमीन को तलाश रहे है। जबकि डबल रजिस्ट्री वाले अब मकान बना के काबिज हैं। सबसे बड़ी बात इस प्रकरण में उसी शख्स का नाम सामने आ रहा है जो कि पहले भी इस प्रकरण मे कई खेल खेल चुके हैं। ज्ञात हो कि लिंगियाडीह के गरीबों की पट्टे की जमीनों को शहर के धनाड्य परिवारों द्वारा गरीबों की मजबूरी का फायदा लेते हुये पहले उस पट्टे को गिरवी रखा जाता है फिर उन्हें खरीद कर बाहर कर दिया जाता है। यह खेल लिंगियाडीह में जोर शोर से चल रहा है। अब पट्टाधारी गरीबों का यहां आवास नहीं है। अब धनाड्य लोगों का बसेरा है। लाखों करोड़ों रुपए किराया वसूला जा रहा है। लिंगियाडीह की समस्त पट्टों की जांच की जाने की आवश्यकता होती जा रही है। जिस दिन से पट्टों की जांच शुरू होगी कई राज खुलेंगे।
प्रशासन का ध्यान जिस दिन पट्टों की जांच की तरफ गया कई राज जैसे एक परिवार से कई लोगों का पट्टा मिलना ,पति और पत्नी को एक ही तारीख में पट्टा मिलना , जानकारी के अनुसार दुकान मकान,खेत पट्टे जानकारी के अनुसार एैसे समस्त पट्टे जो कि माता पिता को मिली है उसे भी मिलीभगत करके परिवार के सभी सदस्यों के नाम पर बंटवारा किया जा रहा है। आज की तारीख में वहां की जमीनों की कीमत लगभग 1500 रुपए फीट है, जिसको बेचकर एक भाजपा नेता पार्षद एकाएक मालामाल हो गया। जमीनों को नम्बरी कैसे बनाया जाये शासन में बैठे कुछ रसूखदार और भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से बहुत अच्छे से फल-फूल रहा है। इन लोगों पर प्रशासन के तरफ से तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिये। ऐसे लोगों का पदार्फाश होना अति आवश्यक है, ताकि जो गरीब लोग पट्टाधारी बचे हैं वो इनके चक्रव्यूह में ना फंसे। ऐसे लोगों पर दबंग दुनिया की नजर हमेशा बनी रहेगी।