जगदलपुर। मध्यप्रदेश के जगदलपुर जिला मुख्यालय से बीस किलोमीटर दूर बस्तर विकासखण्ड के लगभग 22 से अधिक गांवों की इंद्रावती नदी की बाढ़ के चपेट में आने फसल चैपट हो गई हैं। किसानों ने जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। किसानों को इंद्रावती नदी और रायकेरा नाले में आई बाढ़ और पानी के तेज बहाव से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। सबसे अधिक नुकसान धान की फसल को पहुंचा है। हजारों रुपए खर्च कर खेती कर रहे किसान चैतूराम, रमेश, मंगलसिंह, ,संतराम, धनंसिंह ने कहा कि फसलों के नुकसान को लेकर जल्द ही कृषि और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को जानकारी देकर मुआवजे की मांग की जाएगी। यह काम जल्द शुरू नहीं होने पर कलेक्टर से शिकायत की जाएगी।
ग्राम भिरंलिगा के किसान रमेश चावड़ा ने बताया की रायकेरा नाला में आई बाढ़ से पूरा खेत बर्बाद हो गया है। सब्जी की खेती के लिए लगाई पालिथीन फटने के साथ ही उड़ गई है। नई फसल लेने से पहले खेत की मरम्मत पर कम से कम दो लाख रुपए खर्च करने होंगे। उन्होंने कहा कि नुकसान को लेकर जल्द ही इसकी जानकारी तहसीलदार व उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को दी जाएगी। तहसीलदार भूपेंद्र गावरे ने कहा कि बस्तर तहसील क्षेत्र के हल्का पटवारियों को बाढ़ राहत सहित अति बारिश एवं नदी नालों में आई बाढ़ में किसानों एवं गांव के ग्रामीणों के मकान आदि के नुकसान के आंकलन जांच रिपोर्ट ग्राम पंचायत के माध्यम से प्रस्तुत किए जाने निर्देश दिए गए हैं।