08 May 2024, 05:48:51 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

ग्वालियर। प्रदेश के विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में 30 दिसंबर के बाद नकद लेन देन की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी। सभी भुगतान चेक या आॅनलाइन ई-बैंकिंग के माध्यम से किए जाएंगे। मोदी सरकार के नोटबंदी के निर्णय को देखते हुए प्रदेश के अन्य विभागों के साथ ही उच्च शिक्षा विभाग ऐसा करने जा रहा है। संस्थानों ने इस संबंध में कितनी तैयारियां की हैं, शासन ने यह जानकारी 15 दिसंबर तक मंगाई है। जीवाजी यूनिवर्सिटी इस मामले में काफी आगे है। छात्रों की फीस से लेकर शिक्षकों व फर्मों को दिए जाने भुगतान या तो चेक से किए जा रहे हैं या आॅनलाइन ई-बैंकिंग के तहत। कुछ मामलों में अभी नकदी का लेनदेन है, जिसे बंद करने की तैयारी की जा रही है। उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आशीष उपाध्याय ने विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार, क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक व कॉलेजों के प्राचार्यों को पत्र भेजा है। इसमें कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस संबंधि में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैशलेस बैंकिंग को सभी विभागों में बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं। इसलिए नकद लेन देन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाना है।

कॉलेजों में लगाना होंगी पीओएस मशीन
कॉलेजों में जनभागीदारी खाते सक्रिय करने के निर्देश भी दिए हैं। छात्रों से ली जाने वाली सभी तरह की फीस ई-बैंकिंग के द्वारा ली जाएगी। इसके लिए कॉलेजों में पॉइंट आॅफ सेल(पीओएस) मशीनें लगाना होंगी, जिससे छात्र डेबिट कार्ड(एटीएम) या क्रेडिट कार्ड के माध्यम से फीस जमा कर सके। विवि व कॉलेजों की ओर से किए जाने वाले सभी भुगतान चेक या संबंधित फर्म के खाते में आॅनलाइन भेजना होंगे।

एनएसएस के छात्र व बैंकिंग अधिकारी करेंगे जागरूक
डिजिटल बैंकिंग के प्रति जनता को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग ने सभी विवि व कॉलेज प्राचार्यों को निर्देश दिए हैं कि इस कार्य में राष्ट्रीय सेवा योजना(एनएसएस) के छात्रों के साथ ही बैंक अधिकारियों की टीमें जागरूरता अभियान चलाएं। बैंक अधिकारियों द्वारा छात्रों को कैशलेस बैंकिंग की संक्षिप्त ट्रेनिंग भी जाए। जागरूकता अभियान शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में चलाया जाए।

कैशलेस बैंकिंग में जेयू आगे
प्रदेश में सबसे पहले जीवाजी यूनिवर्सिटी ने छात्रों की फीस की प्रक्रिया को आॅनलाइन किया था। सभी फार्म एमपी आॅनलाइन के माध्यम से भरवाए जाने लगे हैं। परीक्षा फीस का ट्रांजेक्शन एमपी आॅनलाइन के कियोस्क सेंटरों से किया जाता है। हालांकि, कियोस्क संचालकों को छात्रों को नकद राशि देना पड़ती है। अन्य कार्यों के लिए छात्र अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान कर सकता है। कियोस्क संचालक भी यदि डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान शुरू कर दें तो छात्रों को नकद राशि देने से राहत मिल जाएगी। परीक्षा फीस के अलावा जेयू ने शिक्षकों का सभी प्रकार का मानदेय, अधिकारियों, कर्मचारियों की सेलरी उनके बैंक खातों में भेजना शुरू कर दिया है। सामग्री सप्लाई करने वाली फर्मों का पेमेंट चेक से किया जाता है। सूचना का अधिकार में जमा होने वाली राशि अभी नकद ली जा रही है जिसे भी बंद करने की तैयारी है।
 
हमने पहले ही डिजिटल बैंकिंग शुरू कर दी है। इससे काफी लाभ हुआ है। गड़बड़ी पर अंकुश लगा है। कुछ कार्यों के लिए नकद राशि ली जा रही उसे भी जल्द ही बंद कर दिया जाएगा।
प्रो. संगीता शुक्ला, कुलपति

 

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