इटावा। खूंखार डाकुओ की शरणस्थली के तौर पर दुनिया भर मे कुख्यात रही उत्तर प्रदेश के इटावा की चंबलघाटी को पुलिस प्रशिक्षण का विशेष केंद्र बनाने पर अब इटावा पुलिस पहल करने जा रही है। इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने आज यहां यूनीवार्ता को कहा कि वैसे चंबल की खूबसूरती अपने आप मे निराली मानी जाती है। चंबल नदी मे सैंकडो की तादात मे जलचर पाये जाते है जो यहॉ की खूबसूरती को चार चांद लगाते है। राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी की वादियों में विदेशी पक्षियों का करलव आकर्षण का केंद्र रहता है । चंबल का वातावरण बहुत ही बेहतर है, जो किसी भी तरह की पुलिस ट्रेनिंगके लिए सबसे मुफीद हो सकता है।
किसी पुलिस वाले को ट्रेनिंग के दरम्यान किसी भी तरह की कोई भी कठिनाई नही हो सकती क्यों कि चंबल वातावरण सबसे बेहतर है। उन्होने कहा कि बेशक एक वक्त डाकुओ की मौजूदगी बीहड की आबादी और अन्य लोगो को प्रभावित करती हो लेकिन अब यहां का वातावरण पूरी तरह से सामान्य हो चला है। यहां के लोग अब पुराने सपने से बाहर आकर एक नई मिजाज को देखना चाहते है इसलिए बीहड मे कुछ ना कुछ नया होना बहुत ही जरूरी है। उन्होने बताया कि प्रशिक्षु महिला आरक्षियो की ट्रेनिंग के दौरान यह तय किया गया है कि चंबल का यह बीहड पुलिस की जंगल ट्रेनिंग के लिए सबसे मुफीद है क्यो कि यह बीहड उतार चढाव भरा है।
यहॉ पर प्राकृतिक तौर पर मिटटी के पडाहो के बीच से बने हुए रास्ते नजर आते है जो कही ना कही प्रशिक्षु पुलिस बल के माफिक है । इसलिए इटावा पुलिस की ओर से तय किया गया है कि एक प्रस्ताव राज्य पुलिस के बडे अफसरो के पास इस बाबत प्रस्ताव भेजा जाये कि चंबल के बीहड को पुलिस के प्रशिक्षण केंद्र के तौर पर स्थापित करने की सतही प्रकिया अपनाये। उन्होने बताया कि चंबल के बीहडो मे गुरूवार को करीब दस किलोमीटर की 278 प्रशिक्षु महिलाकर्मियो की जंगल ट्रेनिंग करीब 7 घंटे से अधिक वक्त तक कराई गयी है। गुरूवार को पांच नदियो के सगंम स्थल पंचनदा से 278 महिला प्रशिक्षु पुलिसकर्मियो की जंगल ट्रेनिंग के जरिये महिला आरक्षियो को पांरगत बनाने के गुरू सिखाये गये ।