प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थी जीवन का अहम् पड़ाव होता है। राज्यपाल ने सोमवार को प्रोफेसर प्रसाद राजेंद्र सिंह उर्फ रज्जू भैया राज्य विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जीवन में शिक्षा के साथ नैतिकता, ईमानदारी, करूणा और दया जैसे गुणों को भी अपनाना होगा जिससे आप सर्वगुण संपन्न जगत शक्ति बनकर प्रदेश और देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि जीवन में लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए और उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। दीक्षांत समारोह विद्यार्थी जीवन का अहम् पड़ाव होता है। कठिन परिश्रम, सहनशीलता,आत्मविश्वास और सकारात्मक मनोवृत्ति से कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय की वास्तविक क्षमता की पहचान वहां की गुणवत्तापूर्ण पठन-पाठन और उच्चस्तरीय शोध के बलबूते होती है। इसके लिए शिक्षकों और विद्यार्थियों सभी में पूर्ण समर्पण, अनुशासन और दृढ़ संकल्प आवश्यक है। मानव पूंजी बनाने के लिए विश्वविद्यालयों को मानव शक्ति तैयार करनी है। शिक्षा से व्यक्तिगत और आर्थिक विकास के द्वार खुलते हैं, विश्वविद्यालयों को गुणवत्ता परक शिक्षा के नए प्रतिमान स्थापित करने होंगे। समय ध्यान और ऊर्जा के बेहतर समन्वय से रोजगार के अवसर पैदा करने के प्रयास करने होंगे, उच्च शिक्षा में लगे प्रत्येक व्यक्ति को अपने अपनी भूमिका निभानी होगी, सफलता और असफलता की अपनी निगरानी करनी होगी।
मुख्य अतिथि एवं कुलाधिपति पटेल ने कहा कि हमारा देश नए भारत के निर्माण की ओर है इसलिए ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नए भारत के निर्माण में अत्यंत आवश्यक है इसके अलावा अपने देश में उच्च शिक्षा के नए प्रतिमान को लाना होगा और इसके दायरे को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां सफलता और विफलता की निगरानी समान रूप से की जाती है और इसी से हम सफलता को हासिल करते हैं। आज रज्जू भैया विश्वविद्यालय में संपन्न हुए दीक्षांत समारोह में जिस तरह से छात्राओं का प्रतिशत अधिक है उससे यह स्पष्ट है कि अब हम नारी शक्ति की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि केंद्र और राज्य दोनों नारी शक्ति के लिए अपनी ओर से प्रयासरत हैं और कानूनी प्रावधानों के तहत उनके उन्नत के लिए कार्य कर रहे हैं।