गया। पितृपक्ष के मौके पर हजारों किलोमीटर की यात्रा कर मोक्षनगरी गयाधाम पहुंची रूस की दो महिलाओं ने अपने पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए आज फल्गु तट पर पिंडदान किया। भगवान विष्णु की धरती बिहार के गया में पितृपक्ष के मौके पर लोगों की भीड़ उमड़ रही है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग पिंडदान के लिए लगातार गयाधाम पहुंच रहे हैं। सनातन धर्म में मान्यता है कि पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी क्रम में रुस से गया पहुंची दो विदेशी महिला तीर्थयात्री जुलिया कुदरिना और इस्लामोभा वेनिरा ने विष्णुपद मंदिर प्रांगण में अपने पितरों के लिए पिंडदान किया।
रुस से आई इन महिला तीर्थयात्रियों के मुताबिक, वहां के लोग भी भारत के वैदिक धर्म से बेहद प्रभावित हैं और इसी वजह से परेशानियों और प्रेत बाधाओं से मुक्ति के लिए वो पिंडदान करने गया आईं हैं। महिला तीर्थयात्रियों ने कहा कि उनके देश में भी अपने पितरों के पिंडदान को लेकर विश्वास बढ़ा है और उनका भी मानना है कि पितरों की आत्माओं की मुक्ति गया में ही संभव है। विदेशी महिलाओं ने पूरी तरह भारतीय संस्कृति और वेशभूषा में पिंडदान किया। विष्णु पुराण के अनुसार, यहां पूर्ण श्रद्धा से पितरों का श्राद्ध करने से उन्हें मोक्ष मिलता है। ऐसा माना जाता है कि गया में भगवान विष्णु स्वयं पितृ देवता के रूप में उपस्थित रहते हैं, इसलिए इसे पितृ तीर्थ भी कहते हैं।