महोबा। उत्तर प्रदेश में महोबा जिले की कबरई पत्थर मंडी हड़लात के चले मध्य प्रदेश के खनिज वाहनों रोकने के कारण उनके उद्यमियों ने यहां के जिलाधिकारी अवधेश तिवारी से मुलाकात कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। सूत्रों के अनुसार खनिज नीति के विरोध में कबरई के खनिज कारोबार से जुड़े लोग 17 अगस्त से बेमियादी हड़ताल पर है। आंदोलन को कामयाब बनाने के लिए इस बार सभी पहाड़ पट्टाधारकए और क्रेशर यूनियन एकजुट है। आंदोलन करने वाले गिट्टी खरीदने आने वाले वाहनों को बैरंग वापस कर रहे है, लेकिन सीमावर्ती छतरपुर जिले की लवकुश नगर तहसील की प्रकाश बम्होरी स्थित खनिज मंडी से ग्रिट की गाड़ियां लोड होने तथा उनके मध्य प्रदेश का रवन्ना लेकर कबरई के रास्ते उत्तर प्रदेश की मंडियों में जाने से हड़ताल बेअसर साबित हो रही है। यही वजह रही कि इस बिंदु पर विशेष गौर करते हुए कबरई के हड़ताली खनिज कारोबारियों ने उनकी गाड़ियों को रोकने का प्रयास किया।
मध्य प्रदेश की गाड़यिों को रोकने के कारण उनके खनिज उद्यमी भड़क गये और उन्होंने इसे कारोबार में अवरोध बताते हुए जिलाधिकारी अवधेश तिवारी से मुलाकात की। मध्य प्रदेश के उद्यमियों ने विवाद बढ़ने की आशंका जताते हुए उक्त रुकावट को समाप्त कराने की मांग की है। उन्होंने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए व्यवस्था बाधित करने वालो के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए है। फिलहाल सरकार को प्रतिमाह 70 करोड़ से अधिक राजस्व प्रदान करने वाली महोबा की कबरई पत्थर मंडी के कारोबारी अपनी मांगों को लेकर 17 अगस्त की रात से हड़ताल पर है,जिसके चलते वहां करोबार ठप है । यहां ग्रेनाइट की खदानों में सन्नाटा है , साथ ही स्टोन क्रेशरों में तालाबंदी के कारण मशीनों जाम है। रोज कमाने खाने वाले दिहाड़ी मजदूर बगैर काम के सड़क पर टहलने को मजबूर है। बंदी के चार दिन गुजरने के बाद भी प्रकरण को लेकर शासन सत्ता के कानों में अभी जूं तक नही रेंग रही। इस बीच क्रेशर यूनियन के अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह ने कबरई में खनिज कारोबार की दुर्दशा के लिए जिले के शासन प्रशासन को सीधे तौर पर जिम्मेवार ठहराया है। उन्हों कहा कि सूबे के तमाम अफसरों तथा जन प्रतिनिधियों के खनिज कारोबार से जुड़े होने के बावजूद अभी तक किसी के ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।