26 Apr 2024, 19:58:12 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

नवरात्र में होने वाले गरबा व डांडिया को लेकर शहर के कपल्स में है खासा उत्साह। इसके लिए वे ले रहे हैं डिजाइनर्स व डांस गुरु से टिप्स जनमाष्टमी और गणेशोत्सव के बाद अब दौर है शारदीय नवरात्र में होने वाले डांडिया व गरबा का। सो, शहर के कपल्स जुट गए है इसकी तैयारियों मे। जहां एक ओर गरबा के शौकीन अपनी गुजराती ड्रेस के लिए फैशन डिजाइनर्स के चक्कर लगा रहे है, वहीं दूसरी तरफ स्टिक से रिदम मिलाने के लिए डांडिया के शौकीन जुटे है इसकी बारीकियां सीखने में। बिजी है डांस गुरु गरबा के समय डांस में कपल्स किसी से कम न दिखने के लिए पार्ट टाइम डांस क्लासेज ज्वाइन कर रहे है। दबौली स्थित द्विवेदी डांस इंस्टीटयूट के कोरियोग्राफर अतुल बाजपेयी बताते हैं, \\'\\'यूं तो अकादमी में ही डांस की ट्रेनिंग देता हूं, लेकिन इस समय हमारे पास ऐसे बहुत से लोग है, जो अपने परिवार को डांस सिखाने के लिए हमें घर पर इसकी टिप्स देने के लिए बुला रहे है। संस्थान में अब तक दो दर्जन से अधिक कपल्स डांडिया और गरबा सीखने के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके है।\\'\\' घरों में भी अभ्यास ऐसा नहीं है कि गरबा और डांडिया की प्रैक्टिस सिर्फ डांस इंस्टीट्यूट्स में ही हो रही है। गुजराती समाज के सदस्य घर पर ही इसके अभ्यास में जुट गए है। गुजराती समाज से जुड़ी बिंदू शाह बताती है, \\'\\'गरबा गुजरात का प्रसिद्घ पारंपरिक लोक नृत्य है। वहां की महिलाएं इसे नवरात्र, शरद पूर्णिमा, बसंत पंचमी और होली जैसे उत्सवों में करती है। सभी महिलाएं देवी के चारों ओर गोले में बैठकर गीत की ताल पर तालियां बजाकर नृत्य करती है। नवरात्र में मुख्य रूप से नौ दिनों तक हर रात इसका आयोजन किया जाता है।\\'\\' डांस के बहाने व्यायाम जवाहर नगर स्थित डांस विला डांस इंस्टीट्यूट के कोरियोग्राफर विपिन निगम बताते है, \\'\\'शहर के लोगों में गरबा व डांडिया सीखने के लिए गजब का उत्साह है। खासकर युवतियों में इसे सीखने का क्रेज अधिक है और वे इसे दोहरे फायदे के तौर पर भी देख रही है। एक तो उनकी एक्सरसाइज हो रही है, दूसरे आगामी डांडिया के आयोजनों में बेहतर गरबा या डांडिया से लोगों को प्रभावित भी कर सकेंगी।\\'\\' धूम एथनिकड्रेस की गरबा के दौरान टीन ऐजर्स से लेकर महिलाओं तक हर कोई इसके रंग में डूब जाना चाहता है। इन लोगों की डिमांड पूरी कराने में ड्रेस डिजाइनर्स भी पूरी शिद्दत से जुटे है। फैशन डिजाइनर सारिका अग्रवाल बताती है, \\'\\'डांडिया व गरबा के लिए जयपुर का लंहगा, बांधनी और गुजरात की हैवी वर्क वाली चोली की डिमांड अधिक है। डिजाइनर्स इसमें गोटा व मिरर के साथ जरी व मोती को मिक्स मैच करा रहे हैं। इन चोलियों की विशेषता यह है कि इनमें रंग-बिरंगे धागों से हाथ की कढ़ाई की गई है। बांधनी में प्योर जयपुरिया वर्क कराया जा रहा है। इस बार हमने गरबा और डांडिया के लिए गुजरात व जयपुर से ड्रेस मंगाई है।\\'\\' डिजाइनर व शॉर्ट लहंगे फैशन डिजाइनर कविता जोतवानी बताती है, \\'\\' लंहगे थोड़े ऊंचे पसंद किए जा रहे है, जिससे गरबा करते समय परेशानी न हो। लहंगों के फैशन में मिरर और गोटा पट्टी का काम खास है। कम शाइनिंग वाले डल कलर की डिमांड अधिक है, जिसमें मेटल, ब्लू व मैजेंटा इत्यादि कलर शामिल है। जहां पिछली बार कच्छ के लहंगा व चोली की मांग थी, वहीं इस बार गुजरात व जयपुर की डिमांड अधिक है।\\'\\'
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