नई दिल्ली। टैंकर घोटाले में दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित को एसीबी ने 18 सवालों की लिस्ट सौंपी है। एसीबी ने शीला दीक्षित से जल्द से जल्द इन सवालों के जवाब देने को कहा है। शीला दीक्षित ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके पास एसीबी की टीम आयी थी लेकिन उन्होंने जबाब देने के लिए कोई समयसीमा नहीं बतायी है। जब उचित समझूंगी तब जबाब दूंगी।
एसीबी अधिकारियों का एक दल दीक्षित के निजामुद्दीन इलाके में स्थित आवास पर पहुंचा और दिल्ली जल बोर्ड द्वारा 2012 में 385 टैंकरों की खरीद के संबंध में उनसे तकरीबन 15 मिनट तक पूछताछ की। उस वक्त वह दिल्ली की मुख्यमंत्री की हैसियत से दिल्ली जल बोर्ड की प्रमुख थीं।
केजरीवाल और कपिल मिश्रा पूछताछ से योजना
एसीबी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि एजेंसी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और जल संसाधन मंत्री कपिल मिश्रा से पूछताछ करने की योजना बना रही है, जिन्होंने पिछले साल कथित घोटाले की जांच के लिए तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया था। उनकी रिपोर्ट के आधार पर जांच एजेंसी ने इसकी जांच शुरू की थी। दिल्ली भाजपा ने केजरीवाल और मिश्रा पर तथ्यान्वेषी समिति की रिपोर्ट एसीबी को भेजने में देरी करने का आरोप लगाया था।
एसीबी ने इसी साल जून के महीने में दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष कपिल मिश्रा और बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर मामला दर्ज किया था उसके बाद जल बोर्ड के कई अधिकारियों और खुद कपिल मिश्रा से भी पूछताछ हो चुकी है.
क्या था मामला
2010-11 के दौरान टैंकर घोटाला सामने आया था. टैंकरों को पानी की सप्लाई के लिए किराए पर भी लेना था। उनकी सप्लाई वहां होनी थी जहां इलाकों में पाइपलाइन नहीं थी। स्टेनलेस स्टील के 450 टैंकर किराए पर लिए जाने थे। इस काम के लिए सरकार ने 2010 में टेंडर निकाला जिसकी लागत 50.98 करोड़ रुपये रखी गई थी।
2010 का टेंडर रद्द कर अगले डेढ़ साल में चार बार टेंडर निकाले गए और इसकी लागत 50.98 करोड़ से बढ़ा कर 637 करोड़ रुपए कर दी गई। दिसंबर 2011 में 10 साल के लिए टैंकर किराए पर लिए गए।