प्रयागराज। आस्था, विश्वास और संस्कृतियों के संगम में तीर्थराज प्रयाग के माघ मेला के तीसरे सबसे बड़े स्रान पर्व ‘‘मौनी अमावस्या’’ पर शुक्रवार जब साधु-संत, कल्पवासी और श्रद्धालु पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाते समय अपने ऊपर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा पाकर गदगद हो गये। माघ मेला में स्रान करने दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं, साधु-संतो और एक मास का कल्पवास करने वाले कल्पवासियों पर जब पुष्प वर्षा हुई वह एक बार तो अचम्भित हुए लेकिन बाद में समझने के बाद उल्लास से भाव-विभोर हो गये।
कुछ समय के अन्तराल के बाद श्रद्धालुओं पर गुलाब और गेंदें के फूल के पंखुड़यिों की वर्षा की गयी। उन्होने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने आशीष के साथ चिरंजीवी का आर्शीवाद भी दिया। साधु-महात्माओं का कहना है कि एक संत ही साधु-महात्माओं की कद्र करना जानता है। आसमान से अपने ऊपर से गिरते फूल देखकर संत और संन्यासी भले मन ही मन खुश हो लेकिन स्रानार्थी माघ मेला में पहली बार ऐसा स्वागत पाकर गदगद हैं। इस खुशी का स्रानार्थियों ने खुलकर अभिनंदन भी किया।
रास्ते भर एक दूसरे से इसकी चर्चा भी करते हैं। प्रयागराज के अभी तक के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब स्रान के समय हेलीकाप्टर के जरिए कई-कई बार पुष्प वर्षा हो रही है। संगम क्षेत्र में जहां हर कोई डुबकी लगाने को आतुर था, वहीं पर अपने ऊपर बरसते फूलों को पाने के लिए स्रानार्थी दोनों हाथ ऊपर उठाए खड़े रहे। पुष्प वर्षा के दौरान बच्चे से लेकर बुजुर्ग सभी के चेहरे पर अजीब सी खुशी देखी गई।
योगी सरकार की संतों के साथ स्रानार्थियों पर पुष्पा वर्षा करने के पीछे जो भी मकसद हो, इतना अवश्य नजर आया कि पहली बार किए गए इस इंतजाम ने लोगों के चेहरे से लंबी दूरी पैदल चलने की थकान को दूर कर दिया। साधु संतों की जानी मानी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा कि संगम स्रान करने आये श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा करना किसी भी सरकार की नेक नियती की पहचान है।
योगी जिस प्रकार प्रदेश को विकास के मार्ग पर अग्रसर कर रहे हैं उससे धरातल पर सुशासन नजर आ रहा है। उन्होने कहा कि प्रदेश का सौभाग्य है कि योगी जैसा मुख्यमंत्री मिला। उन्होने वर्ष 2019 में जिस प्रकार दिव्य और भव्य अर्द्ध कुंभ मेले का आयोजन कर विश्व में प्रयागराज के साथ हिन्दुस्तान का नाम रोशन किया ऐसा अभी तक किसी भी सरकार में देखने को नहीं मिला। स्वच्छता को लेकर विश्व में इसको जो सरहना मिला वह अपने आप में अद्वतीय रहा।