भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि मुझे अपने कामकाज के आकलन का प्रमाण पत्र जनता से चाहिए। प्रचार-प्रसार, होर्डिंग और ब्राडिंग के जरिए आत्म प्रशंसा करने से मैं परहेज रखता हूँ। कमलनाथ ने 16 दिसम्बर 1971 को पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा 48 साल पूर्व पाकिस्तान को करारी शिकस्त देते हुए एक नया राष्ट्र बंगलादेश बनाने के गौरवपूर्ण दिन का उल्लेख करते हुए कहा कि अच्छा होता अगर पूरे देश में इसे विजय दिवस के रूप में मनाया जाता। मुख्यमंत्री ने यह बात आज एक मीडिया संस्थान द्वारा उनके कार्यकाल के एक वर्ष पूर्ण होने पर विशेष बातचीत के दौरान कही।
मुख्यमंत्री ने बातचीत के दौरान एक वर्ष में किए गए बुनियादी बदलाव और राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने एक साल के कामकाज में प्रचार-प्रसार दूर रहकर किए गए कामों पर कहा कि मेरा विश्वास है कि हमारे कार्यों पर अंतिम मुहर जनता की लगना चाहिए। जनता की तरफ से यह बात आए कि उसे सरकार और नेतृत्व पर विश्वास है। यही प्रमाण पत्र हमारे लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। आयोजनों, अभियानों और अतिरेक प्रचार-प्रसार करें लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और हो तो यह जनता के साथ धोखा है।
पिछले एक साल के दौरान अपनी सरकार के कामकाज पर मुख्यमंत्री ने कहा कि काम करने के लिए मुझे मात्र साढ़े नौ माह मिले। मेरा सबसे पहला प्रयास यह था कि शासन और प्रशासन की सोच, नजरिए और दृष्टिकोण में परिवर्तन हो। हम चाहे कोई भी नीति बना लें इसका क्रियान्वयन सही तरीके से समय पर न हो तो इसका लाभ लोगों को नहीं मिलता है। इस दृष्टि से तंत्र के व्यवहार में परिवर्तन और जवाबदेही का वातावरण हमने प्रदेश में बनाया। सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा ऐसा जनता में विश्वास हो। इस दिशा में हमने ठोस प्रयास किए हैं।
निवेश जो हमारे यहां पूर्व से स्थापित है उनका विश्वास सरकार पर हो इस दृष्टि से भी हमने काम किया है। मेरा मानना है कि जब तक हम प्रदेश में स्थापित उद्योगों में विश्वास पैदा नहीं करेंगे तब तक हमारे यहां नए निवेश की संभावना नहीं होगी। मुझे यह बताते हुए खुशी है कि इस क्षेत्र में हमने सफलता हासिल की है। मुख्यमंत्री ने मिलावटखोरी के बाद माफियाओं के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान पर कहा कि आज हमारे प्रदेश में जितने दूध की खपत है उतना उत्पादन भी नहीं होता।
जाहिर है कि प्रदेश की जनता को मिलावटी दूध वितरित हो रहा है। जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ को यह सरकार कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। इसलिए हमने प्रदेश में निरंतर दूध उत्पादन सहित सभी खाने पीने की चीजों में मिलावट करने वालों के विरुद्ध अभियान चलाया है और आगे भी यह निरंतर रहेगा। माफियाओं के खिलाफ छेड़ी गई मुहिम पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं यहां स्पष्ट करना चाहता हूँ कि हम इसके जरिए किसी को टारगेट नहीं कर रहे हैं।
संगठित अपराध करने वाले लोगों, ब्लैकमेल करने वाले माफियाओं को अब मध्यप्रदेश में पनपने की इजाजत नहीं होगी। प्रदेश के विकास और जनता के हितों के साथ हम कोई समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि आज जब हम प्रदेश में निवेश की बात करते हैं तो हमें निवेशकों के लिए ऐसा वातावरण भी बनाना होगा जिसमें वे निर्भय होकर बगैर किसी दबाव के काम कर सकें।
उन्होंने कहा कि जब से हमने यह अभियान छेड़ा है लोग निर्भय होकर माफियाओं के विरुद्ध शिकायतें कर रहे हैं, मेरे पास लोगों के मेल भी आ रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि लोग माफियाओं से त्रस्त हैं, भय के कारण वे अभी तक सामने नहीं आए। पिछले 15 वर्षों से उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी। माफियाओं को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ था।उन्होंने कहा कि समाज और प्रदेश सुरक्षित रहे इसके लिए प्रदेश को हम माफियामुक्त बनाकर रहेंगे।