नई दिल्ली। देश में रोजगार चाहने वालों की तुलना में रोजगार करने वालों की संख्या बढ़ाने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों से वर्ष 2030 तक एक करोड़ उद्यमी बनाने का अनुमान है जिसमें 50 लाख महिलायें होंगी। ग्लोबल अलायंस फॉर मास एंटरप्रेन्योरशिप (गेम) और फेसबुक द्वारा प्रस्तुत एक लैंडस्केएप स्टडडी अनलॉंिकग एंटरप्रेन्योरशिप अपॉर्च्युनिटीज फॉर वीमन में सामने आया है कि वर्ष 2025 तक इंडस्ट्री में हजारों नई महिला उद्यमियों का आगमन होने वाला है। यह शोध अध्ययन 2030 तक भारत में करोड़ उद्यमियों को विकसित करने के गेम के लक्ष्य के अनुरूप है और इन उद्यमियों में 50 प्रतिशत महिलाएं होंगी। यह अध्ययन मई से अगस्त 2019 तक बेंगलुरु और मुंबई में किया गया था। महिला एवं बाल विकास और कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने इस रिपोर्ट को लाँच करते हुये कहा कि महिला उद्यमिता को सहयोग देना भारत की आर्थिक और नैतिक आवश्यकता है।
आंकड़े स्पष्ट हैं कि महिला उद्यमी अन्य महिलाओं के लिये अधिक रोजगारों का सृजन करती हैं और अपने परिवारों में निवेश करती हैं। श्रमबल के लैंगिक विभाजन को दूर करने से हमारी जीडीपी 20 प्रतिशत तक बढ़ सकती है और यह हमारा संयुक्त लक्ष्य होना चाहिये। उच्च मांग वाले अवसरों के प्रमुख क्षेत्रों, जैसे खाद्य एवं शिक्षा की पहचान से हम स्पष्ट रूप से कार्य करने में सक्षम होंगे और इस तरह अन्य क्षेत्र भी लाभान्वित होंगे तथा देश में महिला उद्यमियों की संख्या बढ़ेगी। इस अध्ययन के अनुसार फूड सेक्टर में महिलाओं के स्वामित्व वाले लगभग 550000 उद्यम हैं जो 20 लाख से अधिक महिलाओं को रोजगार देते हैं। यह सेक्टर महिलाओं को पसंद है क्योंकि इसमें व्यवसाय शुरू करने के लिये ज्यादा निवेश की जरूरत नहीं होती है और रिपोर्ट के अनुसार इसमें कार्य का समय भी लचीला होता है।
इस सेक्टर में उभरते अवसरों में घर के बने स्रैक्स, घर का बना भोजन और क्लाउड किचन शामिल हैं। फूड सेक्टर की तुलना में एज्युकेशन सेक्टर में महिला मालिकों वाले व्यवसाय अधिक मिलते हैं। शिक्षा में 5 में से 1 शहरी उद्यम की स्वामी महिला है। इन व्यवसायों के कर्मचारी आधार में लैंगिक संतुलन दिखाई देता है क्योंकि इन उद्यमों के औसत कार्यबल का 48 प्रतिशत भाग महिलाएं हैं। यह रिपोर्ट उन तीन सेक्टरों की पहचान करती है जिनमें जनसाधारण की उद्यमिता के लिये महिलाओं की बड़ी भूमिका हो सकती है और वे डे केयर, प्री स्कूल, अवकाशकालीन कौशल, वोकेशनल स्किंिलग और विद्यालय के बाद शिक्षा आदि शामिल है। रिपोर्ट कहती है कि वर्तमान में चार से अधिक कर्मचारियों वाले केवल 3 प्रतिशत व्यवसायों की मालिक महिलाएं हैं। इसलिए भारत के खाद्य, शिक्षा, क्रेच्र, सौंदर्य और वेलनेस जैसे क्षेत्रों में घर से काम करने वाली महिला उद्यमियों के लिये बड़ी संभावनाएं हैं।