तिरुवनंतपुरम। केरल के बाढ़ प्रभावित इलाकों में हजारों लोग अब भी सुरक्षित निकाले जाने की आस लगाए हुए हैं जहां पिछले 10 दिनों में मरने वालों की संख्या 300 के पार पहुंच गई है। अलप्पुझा, त्रिशूर और एणार्कुलम जिलों के कई इलाकों में अब भी कई लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं जहां उनके पास भोजन और पानी की कोई व्यवस्था नहीं है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इडुक्की जिले में सबसे ज्यादा लोगों के मरने की खबरें आईं हैं जहां अब तक 43 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। मलप्पुरम में 28 और त्रिशूर में 27 लोगों की मौत की खबर आई है। राजस्व अधिकारियों के मुताबिक अलप्पुझा जिले के चेंगानुर में कम से कम 5,000 लोग फंसे हुए हैं। ये लोग लोग बिना खाना-पानी के अपने घरों में फंसे हुए हैं।
छह लाख लोग शिविरों में
कृषि मंत्री वीएस सुनील कुमार ने बताया कि त्रिशूर जिले में करीब छह लाख लोग राहत शिविरों में हैं। कुछ राहत देते हुए कोच्चि नेवल हवाई अड्डा यात्री विमानों का परिचालन शुरू करेगा। रेलवे ने कम से कम 18 ट्रेनें रद्द कर दी हैं और कन्याकुमारी-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस को दूसरे मार्ग पर मोड़ दिया है।
गले-गले तक पानी
पतनमत्तिटा जिले के रन्नी में राहत शिविर में मौजूद एक महिला ने कहा कि यह हमारे लिए दूसरा जन्म है। पिछले चार दिन में हमारे पास कोई खाना नहीं है और चारों तरफ गले तक पानी भरा हुआ है। एणार्कुलम के परावुर में छह लोगों के मारे जाने की खबर आई जहां बुधवार रात चर्च का एक हिस्सा गिर गया था। अभी भी कम से कम 600 लोग चर्च में फंसे हैं।