26 Apr 2024, 11:03:01 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

एक युवक ने समाज के दुख-दर्द की कथा सीधी-सरल भाषा में नई तकनीक के साथ लिखी। वह उसे अपने देश के प्रमुख पत्र ‘पेरी हेराल्ड’ में प्रकाशित कराने के लिए संपादक के पास ले गया। संपादक युवक को देखकर व्यंग्य से बोला, ‘तुम नए कहानीकार हो। अनुभव और सृजन- कला में अपरिक्व। मैं नहीं समझता कि ‘पेरी हेराल्ड’ जैसे पत्र के स्तर की कहानी तुम्हारे पास है। तुम दूसरे संपादकों से मिलो।’ यह सुनकर भी
युवक सहजता से बोला, ‘सर, मैं अपनी इस कहानी को इस उम्मीद के साथ आपके पास छोड़कर जा रहा हूं कि समय मिलने पर आप इसे एक नजर अवश्य देखेंगे और कमी पाए जाने पर मुझे बताएंगे, ताकि मैं उसे सुधार सकूं।’
 
 
कुछ दिनों बाद वही संपादक उस युवक के दरवाजे पर खड़ा दस्तक दे रहा था। जब युवक ने दरवाजा खोलने पर ‘पेरी हेराल्ड’ के संपादक को सामने पाया तो वह दंग रह गया। वह अत्यंत विनम्रता से उन्हें अंदर ले गया और बोला, ‘सर, यदि आप सूचित करते तो मैं स्वयं आपके पास आ जाता।’ संपादक बोले, ‘आना तो मुझे ही था फ्रांस के महान कहानीकार से मिलने।’ यह सुनकर युवक हैरान रह गया। उसे अपने कानों पर यकीन ही नहीं हुआ। संपादक कह रहे थे, ‘आपकी कहानी पढ़ने पर उसे उच्च कोटि का पाया गया। आपको ‘महान् कहानीकार’ की पदवी से विभूषित किया गया है। मैं आपको बधाई देने के लिए खुद आया हूं।’ इसके बाद संपादक ने एक हजार फ्रैंक के नोट निकालकर युवक के हाथों
में पुरस्कार स्वरूप रख दिए और कहा, ‘मैं आशा करता हूं कि भविष्य में भी आप ‘पेरी हेराल्ड’ के लिए अपनी रचनाएं भेजते रहेंगे। यही युवक बाद में महान कथाकार मोपासां बना।
 
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