एक समय तक हमारी धारणा यही थी कि संसार में भावनाएं सिर्फ मनुष्यों में ही पाई जाती हैं किंतु बाद में पता चला कि इनसानों में ही नहीं बल्कि जानवरों में भी भावनाएं होती हैं और फिर जैसे-जैसे विज्ञान ने विकास किया पेड़-पौधों पर अध्ययन हुए तो पेड़-पौधों में भी भावनाओं का पाया जाना स्पष्ट हो गया।
अब यह तय है कि भावनाएं अथवा संवेदनशीलता सभी प्राणियों में पाई जाती है। दोस्तों, आपने भी कई बार अपने आसपास उपस्थित जानवरों में भावनाओं को महसूस किया होगा... कभी अपने पालतू को अपनों से बिछड़ने पर रोते देखा होगा या कई बार उसे किसी अन्य तरीके से सामान्य से हटकर कुछ अलग तरह का व्यवहार करते देखा होगा।
जानवरों में कौन कितना अधिक भावुक है इसकी व्याख्या हाल ही में अमेरिका के विलियम एंड मेरी कॉलेज के मानव विज्ञान की प्रोफेसर बारबरा जे किंग ने अपनी एक पुस्तक ‘हाउ एनीमल्स ग्रीव’ में की है। अपनी इस पुस्तक में उन्होंने जानवरों की कई प्रजातियों पर अध्ययन को लोगों के साथ शेयर किया है।
उनकी व्याख्या बताती है कि दु:ख व्यक्त करने में हाथी सबसे अधिक भावुक जानवर है। किताब में उन्होंने जानवरों की कई प्रजातियों के द्वारा अपनों से बिछड़ने का शोक व्यक्त करने के तरीकों का वर्णन किया है जिसमें हाथी द्वारा भावनाएं प्रकट करने का तरीका अचरज भरा था।
किताब के जरिए उन्होंने बताया कि एक शोधकर्ता द्वारा हाथी के शव को रेत में छोड़ दिये जाने पर पाया गया कि हाथियों के पांच अलग-अलग परिवार उस हाथी के शव के पास आए और सभी ने अलग-अलग तरीके से अपनी भावनाएं व्यक्त कीं।
किसी ने शव के चारों ओर चक्कर लगाकर दु:ख व्यक्त किया, किसी ने चुपचाप उसके पास खड़े रहकर तो किसी ने मरे हुए हाथी की हड्डियां अपनी सूंड से उठाकर अपनी संवेदना प्रकट की। बारबरा का कहना है कि वे यह नहीं मानतीं कि जानवरों का शोक प्रकट करने का तरीका इंसानों की तरह का है किंतु कुछ प्रजातियों में दु:ख प्रकट करने की भावनाएं वास्तविक होती हैं।