मुंबई। रविवार को खेले गए इंडियन प्रीमियर लीग के दसवें सीजन के रोमांचक फाइनल में मुंबई इंडियन्स ने राइंजिंग पुणे सुपरजाइंट को 1 रन से हराकर तीसरी बार खिताब पर कब्जा कर लिया। सीजन में तीन बार पुणे से हारने के बाद मुंबई ने फाइनल मुकाबले में पुणे को हराकर हर हार का बदला ले लिया। टीम की इस रोमांचक जीत और चैंपियन बनने के बाद मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा ने खिताब जीतने के पीछे की हर वजह पर खास चर्चा की और जीत के राज खोले।
टीम के तीसरी बार इंडियन प्रीमियर लीग का खिताब जीतने के बाद कहा कि व्यक्तिगत शानदार प्रदर्शन से टीम कुछ मैच जीत सकती है लेकिन टूर्नामेंट जीतने के लिए 'टीम वर्क' की जरूरत पड़ती है। मुंबई इंडियन्स ने अपने गेंदबाजों के दमदार प्रदर्शन की बदौलत रविवार रात कम स्कोर वाले फाइनल में राइजिंग पुणे सुपरजाइंट को एक रन से हराकर खिताब अपने नाम किया।
रोहित ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा- मुझे लगता है कि व्यक्तिगत शानदार प्रदर्शन से आप कुछ मैच जीत सकते हैं लेकिन चैम्पियनशिप जीतने के लिए टीम की एकजुटता और टीम वर्क की जरूरत पड़ती है। मेरा मानना है कि यह चीजें चैम्पियनशिप जीतने के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
रोहित ने तीनों खिताबी जीत को विशेष करार दिया और कहा कि सही संयोजन तैयार करना टीम की जीत के लिए महत्वपूर्ण था। उन्होंने कहा- तीनों खिताब विशेष हैं। मुझे निजी तौर पर लगता है कि टूर्नामेंट की शुरूआत में आप तैयारी अपना सही संयोजन तैयार करके कर सकते हैं। मुझे लगता है कि टूर्नामेंट जीतने के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।
रोहित ने ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मिशेल जॉनसन की तारीफ की जिन्होंने पारी का अंतिम ओवर फेंका जिसमें पुणे को जीत के लिए 11 रन की दरकार थी। रोहित ने कहा- हमारी टीम में कुछ ऐसे मैच विजेता हैं जो खुद को साबित कर चुके हैं। मिशेल जॉनसन खुद को कई बार साबित कर चुके हैं।
ऑस्ट्रेलिया की ओर से खेलते हुए उन्होंने बार-बार खुद को साबित किया है और मुंबई के लिए भी उन्होंने ऐसा किया है। जब सबसे ज्यादा जरूरत हो तो मैं उस पर निर्भर रह सकता हूं। अंतिम ओवर बेहद महत्वूपर्ण था। उन्होंने कहा- पूरे सीजन के दौरान उनकी मौजूदगी महत्वपूर्ण रही। मुंबई इंडियन्स की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए आठ विकेट पर 129 रन ही बना सकी थी और रोहित ने कहा कि उन्होंने इस पिच पर 30 से 40 रन कम बनाए। उन्होंने कहा- इस विकेट पर हमारा लक्ष्य 140 से 160 रन था। इस विकेट पर 160 रन संभवत: विजयी स्कोर होता।
लसिथ मलिंगा और जसप्रीत बुमराह को डेथ ओवरों का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज करार देते हुए रोहित ने कहा कि उन्होंने हमेशा पांच गेंदबाजों को खिलाने को प्राथमिकता दी है। रोहित ने फाइनल मुकाबले का हीरो क्रुणाल पंड्या का माना। मैच के बाद उन्होंने उनकी जमकर तारीफ भी की। पंड्या ने महत्वपूर्ण मौके पर 47 रन की दमदार पारी खेली जिससे टीम चुनौती पूर्ण स्कोर तक पहुंच सकी। पंड्या को उनके महत्वपूर्ण पारी के लिए मैन ऑफ द मैच भी चुना गया।
मुंबई की जीत के बाद सबसे बड़ा सवाल जो रोहित पूछा गया वो टीम इंडिया में उनके भविष्य की भूमिका से जुड़ा था। अंपनी कप्तानी में मुंबई को तीन खिलात दिलाने के बाद क्या रोहित अब टीम इंडिया की भी कमान संभालेंगे? इस सवाल का उन्होंने कूटनीतिक जवाब देते हुए कहा, यह काफी आगे के बारे में सोचने की तरह है। मैं काफी आगे के बारे में नहीं सोचता। जब मौका आता है तो आता है। मैं दोनों हाथों से इसे स्वीकार करूंगा।