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Health

जानें रक्तदान करने के ये फायदे ही फायदे

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 14 2018 3:23PM | Updated Date: Feb 14 2018 3:23PM
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दक्षिण अफ्रीका के 90 वर्षीय मॉरिस क्रेसविक और अमेरिका के 88 वर्षीय होरॉल्ड मेनडेनहाल इस महादान की वजह से सेहतमंद और खुशहाल जिन्दगी बिता रहे हैं। हमारे खून का कतरा-कतरा जहां कई मौतों को रोकता है, वहीं यह हमारे तन-मन को ढलती उम्र में भी सुंदर बनाए रखने में मदद करता है।
 
इसके जीते जागते उदाहरण दक्षिण अफ्रीका के 90 वर्षीय मॉरिस क्रेसविक और अमेरिका के 88 वर्षीय होरॉल्ड मेनडेनहाल हैं, जो इस महादान की वजह से अपने हम उम्रों के मुकाबले बहुत सेहतमंद और खुशहाल जिन्दगी बिता रहे हैं।
 
रक्तदान ह्रदयाघात और कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियों से बचाव में कारगर होने के साथ-साथ मोटापे से भी मुक्ति दिलाने में सहायक हैं। अब तक कई लीटर खून दान करने वाले दक्षिण अफ्रीका के क्रेसविक और अमेरिका के फ्लोरिडा के मेनडेनहाल आज भी तंदुरुस्त हैं तथा उन्हें एक भी दवा की जरूरत नहीं है।
 
दक्षिण अफ्रीका के जोहानेसबर्ग में बेहद खूबसूरत ओल्ड होम ईल्फिन लॉज रिटायरमेंट विलेज में रह रहे क्रेसविक 18 साल की उम्र में सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। किसी अजनबी के खून से नई जिंदगी पाने वाले क्रेसविक ने अपने शरीर के पोर-पोर में महक रहे लाल गुलाब से कई जिंदगियों में खुशबू और रंग भरने का व्रत लिया और मन की खूबसूरती की मिसाल पेश करते हुए अपने जैसे हजारों चेहरों के लिए आदर्श बने।
 
अब तक 413 पाइंट्स यानी 195़ 4 लीटर रक्त दान करने वाले क्रेसविक को नियमित रूप से सर्वाधिक खून देने वाले व्यक्ति के रूप में वर्ष 2010 में गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया। लंबे समय तक खुशमिजाज और स्वस्थ बने रहने का राज क्रेसविक इन शब्दों में व्यक्त करते हैं, खून का कतरा-कतरा अहमियत रखता है।
 
आप यह देखकर अचंभित रह जाएंगे कि एक यूनिट खून से क्या हासिल किया जा सकता है। मौके पर पहुंचकर मौत को मात देने वाले खून की यह खूबी मेरे स्वस्थ मन का राज है और धूम्रपान से दूरी मेरी सेहत का मंत्र। कैंसर से पत्नी फ्रैनकी की मौत के बाद सदमे से उबरने के लिए मेनडेनहाल 07 जुलाई 1977 से रक्त दान कर रहे हैं।
 
जिंदगी के नाजुक मोड़ पर अपने दो जवान बेटों को भी खोने वाले मेनडेनहाल ने रक्तदान करने से मुंह नहीं मोड़ा। बेहद स्वस्थ मेनडेनहाल अब तक वह 400 गैलन खून दे चुके हैं। उन्होंने तीन मौतों के गहरे सदमे से उबरने के लिए इस पुण्य काम को अपनी जीवन शैली में शामिल किया। वह अधिकतर प्लेटलेट्स दान देने देते हैं।
 
वह अभी भी प्लेटलेट्स के माध्यम से हर साल छह गैलन खून देकर कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे कई लोगों की मदद कर रहे हैं। मेनडेनहाल के शब्दों में ईश्वर ने मुझे जो कुछ भी दिया है, मैं उसका ऋणी हूं और खून दान देकर उसके प्रति अपना दायित्व निभाने का अदना-सा काम कर रहा हूं।
 
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