आजकल युवाओं में शरीर पर टैटू बनवाने का क्रेज सर चढ़कर बोल रहा है। माडर्न दौर में बड़ी संख्या में लड़के व लड़कियों में आकर्षक कलाकृतियां बनवाने की होड़ सी लगी हुई है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार यह टैटू हेपेटाइटिस सी का कारण भी बन सकते हैं।
इतना ही नहीं, निडिल से कान छेदवाना या गली-मोहल्ले में दांतों की सफाई कराना भी हेपेटाइटिस बी व सी का कारक बन सकता है। हेपेटाइटिस सी का इलाज मौजूद है पर हेपेटाइटिस बी का अब भी कारगर इलाज उपलब्ध नहीं है। ऐसे में लोगों को विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है। देश में करीब पांच करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी व सी से ग्रसित हैं। विशेषज्ञों के अनुसार यह बीमारी खून में संक्रमण से जन्म लेती है और स्वास्थ्य के लिए काफी घातक सिद्ध हो सकती है, क्योंकि इस बीमारी के प्रभाव का पता लगभग 15-20 सालों के बाद चलता है।
तब तक यह बीमारी खतरनाक रूप ले चुकी होती है, इसके चलते लीवर सिरोसस व लिवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी अपने पैर पसारने लगती हैं। इस तरह से होता है संक्रमणविशेषज्ञों के मुताबिक यह बीमारी संक्रमित ब्लड चढ़ाने, असुरक्षित तरीके से इंजेक्शन लगाने, संक्रमित नीडिल का इस्तेमाल करने व सर्जरी के दौरान संक्रमित उपकरण का इस्तेमाल करने से होता है। आजकल टैटू बनवाने का क्रेज दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है, इसमें एक ही निडिल से से कई लोगों को टैटू बनाने से हेपेटाइटिस सी हो सकता है। साथ ही एक ही निडिल से कई लोगों के कान छेदे जाएं तो इससे भी इसके संक्रमण होने का खतरा पनपता है।
बचाव का टीकाकरण है उपाय
हेपेटाइटिस सी के इलाज के लिए असरदार दवाएं उपलब्ध हैं। लेकिन हेपेटाइटिस बी से बचाव के लिए टीका उपलब्ध है।
इनसे बचाव के लिए बच्चों में टीकाकरण अत्यंत आवश्यक है। बच्चों में टीकाकरण न होने से यह आगे चलकर कई प्रकार की बीमारियों का कारक बन सकता है। जिसमें लिवर फे ल्योर दूसरी सबसे बड़ी बीमारी है। एक शोध के मुताबिक 30 फीसदी लोगों में लीवर फेल्योर का कारण हेपेटाइटिस है। ब्लड बैंकों में इसकी स्क्रीनिंग है अनिवार्य
डॉक्टरों का कहना है कि ब्लड बैंकों में हेपेटाइटिस की स्क्रीनिंग अनिवार्य कर दी गई है। ऐसे में ब्लड बैंकों के जरिए ये बीमारियां कम फैल रही हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी एक ही सीरिंज से कई लोगों को इंजेक्शन दे दिया जाता है, ऐसी लापरवाही से बचना अत्यंत आवश्यक है।हेपेटाइटिस से बचने इन बातों का रखें ध्यान
- आपका लिवर का तंदरूस्त होना बेहद आवश्यक है। पीलिया का एक प्रमुख कारण हेपेटाइटिस ए है। ऐसे में गर्म, आॅयली, मसालेदार, नॉनवेज और हैवी फूड से परहेज करें।
- रिफाइंड आटा, पॉलिश किए चावल, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ, केक, पेस्ट्रीज, चॉकलेट्स, ऐल्कोहालिक पेय पदार्थ और ऐरेटिड पेय से दूरी बनाएं।
- इनके स्थान पर शाकाहारी आहार, पूर्ण गेहूं का आटा, ब्राउन या फिर पार्बोइल्ड चावल, हरी पत्तेदार सब्जियां, पपीता, खीरा, सलाद, नारियल पानी, टमाटर खाएं।
- अनावश्यक एक्सरसाइज और चिंता या फिर गुस्सा जैसी तनावपूर्ण स्थितियों से बचने का प्रयास करें, संभव हो तो धूप में या बॉयलर और भट्टियों के आसपास कार्य करने से बचें।