नवजात से लेकर 6 महीने तक के बच्चे
8जहां तक संभव हो अपने नवजात शिशु को धूप में लेकर बाहर निकलने से बचें। सुबह 9 बजे से पहले और शाम में 6 बजे के बाद ही बच्चे को घर से बाहर निकालें।
8अगर बाहर जाना बहुत जरूरी हो तो बच्चे को अच्छी तरह से कवर करें और बच्चे को ऐसे कपड़े पहनाएं जो बेहद हल्का हो ताकि बच्चे को बहुत ज्यादा पसीना न निकले।
8गर्मियों में बच्चे के शरीर में पानी की कमी न हो इसलिए उन्हें नियमित रूप से स्तनपान कराते रहें। अगर आप चाहें तो उन्हें थोड़ा बहुत बॉटल का दूध भी पिला सकते हैं ताकि उनका गला न सूखे।
8गर्मियों में डायपर की वजह से रैशेज का भी खतरा रहता है। लिहाजा जहां तक संभव हो बच्चे को कपड़े वाला डायपर पहनाएं। अगर आप आप बच्चे को डिस्पोजेबल डायपर पहना भी रहे हैं तब भी बीच में कुछ देर के लिए डायपर जरूर खोल दें ताकि स्किन को ब्रीदिंग टाइम मिले।
8नवजात शिशु को हीट स्ट्रोक से बचाने के लिए उन्हें कमरे के ठंडे हिस्से में रखें। इसका इसका मतलब यह नहीं कि आप उन्हें सीधे कूलर या एसी के सामने रखें।
6 महीने से अधिक उम्र के बच्चे
8 6 महीने से डेढ़ साल तक के बच्चों को भी गर्मी के मौसम में सुबह 11 बजे से दोपहर 4 बजे तक घर के अंदर ही रखें। अगर बाहर जाना जरूरी हो तो साथ में छाता और हैट या टोपी लगाना न भूलें।
8सिर्फ आपकी ही नहीं बल्कि बच्चे की स्किन को भी सनप्रोटेक्शन की जरूरत होती है। ऐसे में अगर बच्चा घर से बाहर स्विमिंग या वॉटर पार्क जैसी जगहों पर जा रहा हो तब भी उसे सनस्क्रीन लगाना न भूलें।
8बच्चों के शरीर में पानी की कमी न हो और हाइड्रेशन बना रहे इसके लिए उन्हें फ्रूट जूस, नारियल पानी, ढेर सारे मौसमी फल आदि खाने के लिए दें।
8रागी, बार्ली, बाजरा, धनिया, सौंफ- इन फूड आइटम्स की तासीर ठंडी होती है। लिहाजा बच्चे के शरीर का तापमान गर्मियों में अंदर से भी कम रहे इसके लिए बच्चों को मौसमी फल के साथ छाछ या नारियल पानी जैसी चीजें जरूर खिलाएं।