नई दिल्ली। सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वपूर्ण ‘स्वच्छ भारत अभियान’ में निजी क्षेत्र की भागीदारी का आव्हान करते हुए आज कहा कि वर्ष 2021 तक स्वच्छता से जुड़े उत्पादों का भारतीय बाजार 60 अरब डॉलर का हो जायेगा। केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के सचिव परमेश्वरन अय्यर ने बृहस्पतिवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि वर्ष 2021 तक स्वच्छता से जुड़े उत्पादों का भारतीय बाजार 60 अरब डॉलर का हो जायेगा और निजी क्षेत्र को इस अवसर को भुनाने के लिए आगे आना चाहिये।
उन्होंने कहा कि सरकार खुले में शौच से मुक्ति ‘ओडीएफ’ का लक्ष्य हासिल करने के लिए चार आयामों पर काम कर रही है। इसमें मल प्रबंधन, ग्रामीण क्षेत्र में पाइप लाइन के जरिये पेयजल की आपूर्ति, इस्तेमाल किये गये लेकिन अपेक्षाकृत साफ पानी का प्रबंधन और ठोस कूड़ा प्रबंधन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ओडीएफ का लक्ष्य हासिल करने के लिए कॉर्पोरेट क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी जरूरी है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता की बुनियादी सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए भारी निवेश की जरुरत हैं। निजी क्षेत्र को इसका लाभ उठाना चाहिए।
कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय आवास एवं शहरी मामले मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि सरकार ने खुले में ओडीएफ और ‘ओडीएफ प्लस’ अभियान चलाने के बाद अब ‘ओडीएफ स्पेशल’ की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि सरकार ‘ओडीएफ प्लस’ के बाद अब ‘ओडीएफ स्पेशल’ का नया मानक लॉन्च करने की दिशा में काम कर रही है। यह गंदगी से मुक्ति के संपूर्ण समाधान के लिए मानक प्रदान करेगा। सरकार अभी इसके लिए मापदंड तय करने की प्रक्रिया में है।
‘ओडीएफ स्पेशल’ अगले स्वच्छ सवेक्षण का हिस्सा होगा। मिश्रा ने बताया कि इस समय देश में 95 प्रतिशत घरों में शौचालय हैं। कुल 23 राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश तथा 4,300 शहरों में 95 प्रतिशत खुले शौच से मुक्त घोषित किये जा चुके हैं। कुल 377 शहरों का ओडीएफ प्रमाणन हो चुका है तथा 167 शहरों को ओडीएफ प्लस प्रमाणित किया जा चुका है।