08 May 2024, 06:09:15 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

मुंबई। ऐसा लगता है कि नैतिकता के ठेकेदार काम पर लग गए हैं। हाल ही में फिल्म ‘हरामखोर’ ने एक महत्वपूर्ण केस जीता जब उन्हें एफसीएटी द्वारा ‘यूए’ सर्टिफिकेट देकर फिल्म को मंजूरी दे दी गई थी।  गुनीत मोंगा और अनुराग कश्यप द्वारा निर्मित यह फिल्म जिसे पूरी तरह बैन कर दिया गया था, अब जल्द ही रिलीज होने वाली है।

हालांकि यह अच्छी खबर कुछ लोगों को पसंद नहीं आई जिन्होंने अपनी बात रखने का नया तरीका और वजह ढूंढ़ ली है। कुछ स्वयंभू कार्यकर्ताओं को इस बात पर ऐतराज है कि फिल्म के नाम में गाली क्यों है।

गुनीत और श्लोक सहित फिल्म के निर्माताओं को सभी ओर से कई ईमेल और मैसेज मिल रहे हैं जो इस बात का दावा कर रहे हैं कि यह गलत है और फिल्मों में एवं सृजनात्मक सामग्री में ऐसे शब्दों और अभिव्यक्तियों से गलत प्रभाव पड़ता है। कुछ ने तो यहां तक दावा किया कि वे राजनीति से हैं पर अपनी पहचान जाहिर नहीं की।

इस मुद्दे पर बोलते हुए, निर्माता गुनीत मोंगा ने कहा, फिल्म उद्योग के एक कलात्मक व्यक्ति होने के नाते, लोगों द्वारा फिल्म को असल में देखे बगैर उस फिल्म, उसके कलाकारों और उसके विषय के बारे में एक धारणा बना लेना बेहद दु:ख की बात है। किसी भी स्वयंभू नैतिक रक्षक की ओर से ऐसे मैसेज और ईमेल भेजा जाना रुकना चाहिए लेकिन मुझे लगता है कि लोग वही करेंगे जो उन्हें करना है। हमारा फैसला हो चुका है और फिल्म रिलीज होगी। यदि हमारी फिल्म को कोई नुकसान पहुंचाया जाता है तो हम उससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

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