मुंबई। इरफान खान ने अपनी आवाज से हमेशा ऐसे विषयों एवं मुद्दों का समर्थन किया है जिनपर उन्हें दृढ़ विश्वास है। वह एकाधिक तरीकों से राय निर्माता बन गए हैं, और इस प्रकार विभिन्न विषयों पर उनके प्रतिनिधित्व से उसके उचित महत्व का पता लगाने में मदद मिली है। थिएटर का उनके करियर निर्माण में अमूल्य योगदान है, और इसी वजह से उन्होंने थिएटर को आगे लाने के लिए बार-बार प्रयास किया है, साथ ही इरफान थिएटर का कर्ज अदा करने की दिशा में हरसंभव प्रयास करते रहते हैं।
हाल ही में उन्होंने नई दिल्ली में आयोजित ‘जश्ने बचपन अंतर्राष्ट्रीय बाल रंगमंच महोत्सव’ के मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई। इस महोत्सव का आयोजन स्थल भी इरफान के लिए बेहद खास था, क्योंकि उन्होंने अपनी शुरुआत यहीं से की थी, अर्थात नेशनल स्कूल आॅफ ड्रामा।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में कुमार संजय कृष्ण, अपर सचिव एवं वित्तीय सलाहकार, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, प्रोफेसर वामन केंद्रे, निदेशक, एनएसडी तथा अन्य सम्मानित व्यक्ति शामिल थे। 5 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों से खचाखच भरे सभागार में इरफान खान मंच पर आए और उन्हें प्रेरित किया।
बच्चों के साथ व्यक्तिगत तौर पर बातचीत से पहले इरफान ने उन्हें उत्साहित करते हुए कहा, बचपन किसी जश्न की तरह है। और जब बच्चे अपनी रुचि के अनुसार काम करने लगते हैं, तो बचपन वाकई एक जश्न बन जाता है। एक बच्चे के रूप में पढ़ने के लिए स्कूल जाना, वास्तव में हमें कभी दिल से पसंद नहीं आता है। आज इस मंच से मैं बच्चों से कहना चाहता हूं कि अपनी रुचि की खोज करें और उसका आनंद लें।