मुलताई। बारिश का पानी रोकने के अभियान में ग्रामीणों को भी भागीदार बनाए। जब तक घर का पानी घर में और गांव का पानी गांव में नहीं रोकेंगे तब तक हम जल समस्या का निदान नहीं कर पाएगे। प्रत्येक ग्रामीण को पानी का महत्व बताकर उसे बारिश के दौरान पानी को रोकने के लिए प्रेरित करे। जल संरक्षण अभियान को जब तक हम जन अभियान नहीं बनाएगे तब तक हमें जल संरक्षण में सफलता हासिल नहीं हो सकेंगी और जल संकट का सामना करना पड़ेगा।
यह बात मंगलवार को समाजसेवी पर्यावरण विशेषज्ञ मोहन नागर ने कार्यशाला में कहीं। ग्राम कामथ के सामुदायिक भवन में सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक और बीएसडब्ल्यू के विद्यार्थियों की कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला में नागर ने पानी रोकने के अपने अनुभव बताते हुए उपस्थित लोगों से कहा कि जिन ग्रामीणों के छत वाले मकान है, उन्हें अनिवार्य रुप से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने के लिए प्रेरित करें। वर्तमान में कहीं-कहीं बारिश हो रही है और नदी नालों में पानी बह रहा है।
इस स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए अक्टूबर के प्रथम सप्ताह या दूसरे सप्ताह से नदी नालों में बोधी बंधान बनाकर पानी रोकना प्रारंभ किया जाए। स्टॉप डेमों में कड़ी शटर लगाए। नागर ने कहा कि पानी रोकने के लिए हर ग्रामीण अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगा तो निश्चय ही हम जल संरक्षण के लिए चलाए जा रहे अभियान में सफलता हासिल करेंगे।