27 Apr 2024, 10:23:32 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

-वीना नागपाल

यह तो सबको पता है कि महिलाएं अपने घर से ज्यादा आस-पड़ोस के घरों की जानकारियां अधिक रखती हैं। उन्हें अपने बच्चों की गतिविधियां पता हो न हो पर पड़ोसी की युवा लड़की की किसी से रिलेशनशिप या पड़ोस के घर के लड़के की किन दोस्तों से उठा-बैठक है इन सब बातों की खबर उन्हें  विस्तार से मालूम होती है। यहां तक कि किस पति द्वारा पत्नी के साथ हिंसा व घरेलू प्रताड़ना की जाती है, उसकी भी सूक्ष्म से सूक्ष्म जानकारी पास-पड़ोस की महिलाओं को होती है। अब वह पत्नी चाहे अपनी बेइज्जती से बचने के लिए या और किसी कारण से इस बात को छिपाकर बाहर से प्रसन्न व सुखी दिखने का चाहे जितना नाटक कर ले पर महिलाओं से यह बात छिपी नहीं रह पाती। कौन सी बहू अपने बूढ़े सास-ससुर को कितना प्रताड़ित करती है और कौन सास अपनी बहू को कितना प्रताड़ित करती है। इन सबकी विस्तार में खबर आस-पड़ोस की महिलाओं को होती है।

दिल्ली पुलिस ने एक अभिनव प्रयोग प्रारंभ किया हैं। उसने इन गृहणियों को ही अपनी आंख और कान बनाने की योजना लागू कर दी है। इसे नाम दिया गया है- आपरेशन वीरांगना। इसमें गृहणियां सदस्य बनाई गई हैं और उन्हें बकायदा प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है कि वह कैसे काम करें। इसमें परिवारों में होने वाली घरेलू हिंसा व प्रताड़ना के साथ-साथ पुलिस को इन गृहणियों द्वारा यह भी सूचना मिलेगी कि किस परिवार का सदस्य अपराधिक गतिविधियों में शामिल है। किसका व्यवहार संदिग्ध लग रहा है। घरेलू प्रताड़ना की घटनाओं में तो यह महिलाएं बहुत मददगार साबित हो सकती हैं, क्योंकि प्राय: पीड़िताएं अपना दुख अड़ोस-पड़ोस की किसी महिला से ही बांटती हंै। पुलिस ने पाया कि यहां तक कि इन महिलाओं द्वारा दी गई सूक्ष्म जानकारी से कई बार हत्या तक के केस सुलझाने में मदद मिली। पुलिस तो इस आपरेशन वीरांगना का इतना विस्तार करना चाहती है कि वह इन गृहणियों की मदद से कॉलोनी में होने वाली छेड़छाड़ व अभद्रता की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।

पुलिस के इस अभियान में न केवल गृहणियों ने बल्कि अन्य युवतियों और महिलाओं ने इतनी रुचि दिखाई कि वह खुलकर और पूरे आत्मविश्वास के साथ इसमें शामिल होने में उत्सुक दिखीं। यहां तक 15 दिन के प्रशिक्षण में भी उन्होंने बहुत उत्साह दिखाया। पता तो यह भी चला है कि निजी जासूसी संस्थाएं पुलिस के इस अभियान के शुरू करने से पहले ही स्वयं कई हाउस वाइफ को अपना सदस्य बनाती रही हैं और उनकी सहायता से कई अपराधिक केस सुलझाने में उन्हें बहुत मदद भी मिली है। इस तरह के अभियान में महिलाओं को जोड़ना इसलिए आावश्यक है और परिणाम मूलक हो सकता है कि वह स्वयं बहुत चौकन्नी और सतर्क होती हैं। साथ ही यदि उनके साथ या उनके परिचित के साथ कोई अप्रिय घटना घटती है तो सबसे अधिक आहत भी वह ही होती हैं। वह एक अपराध मुक्त संसार में अपने परिवार की पूरी सुरक्षा के साथ शांति व चैन से जीना चाहती हैं। इसके लिए यदि वह ऐसे अभियान में बहुत उत्साह और जोश से शामिल होने के लिए हमेशा ही तत्पर होंगी।
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