लखनऊ। आपने टाइटैनिक जहाज के बारे में तो सुना ही होगा। इस जहाज के बारे में दावा किया जाता था कि ये कभी नहीं डूबेगा, लेकिन एक ऐसी अनहोनी घटी जिससे पहली बार यात्रा के दौरान ही ये जहाज लाखों लोगों को अपने साथ ले डूबा। लंदन के इस आलीशान जहाज के डूबने पर कई यात्रियों ने अपने अनुभव लिखे थे।हाल ही में टाइटैनिक पर सवार एक यात्री का पत्र मिला है, जो उसने जहाज पर रहते हुए अपनी मां को लिखा था। इस शख्स का नाम था एलेक्जेंडर। उनकी कोट की जेब से ये लेटर करीब 105 साल बाद मिला है।
इस लेटर पर 13 अप्रैल 1912 की तारीख डली हुई है।लंदन के आलीशान जहाज आरएमएस टाइटैनिक के डूबने के 105 साल बाद जहाज पर सवार एक यात्री का पत्र शनिवार को 1.08 करोड़ रुपए (लगभग 1.26 लाख ब्रिटिश पाउंड) में नीलाम हुआ। इस पत्र को जहाज पर सफर कर रहे एलेक्जेंडर ऑस्कर होलवरसन ने अपनी मां को लिखा था। यह पत्र एलेक्जेंडर के शव से उनके कोट की जेब में मिला था।
पत्र में मां को टाइटैनिक की भव्यता बताई
उन्होंने टाइटैनिक का भव्यता के बारे में भी अपनी मां को बताया था। यहां की सुविधाओं और जहाज के डेकोरेशन की भी खूब तारीफ की थी, लेकिन अनहोनी कहकर नहीं आती।
मां से की थी टाइटैनिक की तारीफ
एलेक्जेंडर ने 13 अप्रैल 1912 की शाम को अपनी मां के नाम एक खत लिखकर अपनी कुशलता बताई थी। पत्र में उन्होंने यहां की सुविधाओं और जहाज के डेकोरेशन की भी खूब तारीफ की थी।
ये लिखा पत्र में -
मेरी प्यारी मां,
हम यहां कुशल और खुश हैं। यहां लंदन का मौसम बहुत अच्छा है। हम टाइटैनिक जहाज से रवाना हुए हैं। इस जहाज की भव्यता के बारे में क्या कहूं।ये किसी राजशाही महल से कम नहीं है। जहाज पर खाना और खासतौर से म्यूजिक बहुत अच्छा है। ये यात्रा मेरे लिए कभी न भूलने वाली यात्रा बनने वाली है। मां, अगर सबकुछ सही रा तो हम मंगलवार तक न्यूयॉर्क पहुंच जाएंगे। मैं आपके लिए टाइटैनिक जहाज का एक पोस्ट कार्ड भेज रहा हूं। साथ ही इसके पोस्टकार्ड वाली एक किताब भी भेज रहा हूं, जिसमें इस जहाज की भव्यता देखी जा सकती है।