27 Apr 2024, 10:39:20 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
zara hatke

पानी के नीचे है एक अनोखा संसार

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 2 2017 10:28AM | Updated Date: Jul 2 2017 10:28AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

यह दुनिया का अनूठा और अपनी तरह का इकलौता पोस्ट आॅफिस है, जो जमीन पर नहीं, बल्कि पानी के नीचे है। वनुआतु के खूबसूरत हाइडअवे आईलैंड के समुद्रतट के पास बने इस पोस्टऑफिस को 26 मई 2003 को शुरू किया गया था। वनुआतु एक द्वीपसमूह है, जो उत्तरी ऑस्ट्रेलिया से करीब 1750 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिणी प्रशांत महासागर में स्थित है। और जानते हो, यह पोस्ट ऑफिस केवल टूरिज्म के लिए नहीं बनाया गया है, बल्कि लोग इसमें पोस्टकार्ड डालने जाते हैं और उनके पोस्टकार्ड बताए गए पते पर पहुंचते भी हैं। सामान्य पोस्ट आॅफिस और इस अंडरवॉटर पोस्ट ऑफिस के पोस्टकार्ड में बस इतना ही फर्क है कि यहां स्पेशल वाटरप्रूफ पोस्टकार्ड का इस्तेमाल किया जाता है। और हां, इस पोस्ट आॅफिस में जाने के लिए तुम्हें डाइविंग गियर या स्नोर्कल गियर पहनना होगा।

 
सामान्य पोस्ट ऑफिस और इस अंडरवाटर पोस्टऑफिस के पोस्टकार्ड में बस इतना ही फर्क है कि यहां स्पेशल वाटरप्रूफ पोस्टकार्ड का इस्तेमाल किया जाता है। और हां, इस पोस्टआॅफिस में जाने के लिए तुम्हें डाइविंग गियर या स्नोर्कल गियर पहनना होगा। वनुआतु के टूरिज्म मिनिस्टर भी इस पोस्टआॅफिस में अपनी चिट्ठी डाल चुके हैं।

म्यूजियम अंडरवॉटर
हाल ही में मेक्सिको में एक ऐसे म्यूजियम का उद्घाटन किया गया है जिसे समुद्र के अंदर बनाया गया है। मेक्सिको के कैनकून नेशनल पार्क में स्थापित इस म्यूजियम में करीब 500 आकृतियां हैं, जिसे ब्रिटेन के मूर्तिकार जेसन डिकेयर्स टेलर्स और 5 अन्य मूर्तिकारों ने तैयार किया है। 6 मीटर गहरे पानी में स्थित इस म्यूजियम में 45 मिनट तक स्नोरकलिंग या डाइविंग की जा सकती है। इसके अलावा ग्लास बॉटम बोट (बोट का नीचला हिस्सा पारदर्शी होता है) पर बैठ कर भी आप इस म्यूजियम के अंदर का नजारा देख सकते हैं। वैसे इस म्यूजियम का दीदार करने के लिए आपको करीब 2900 रुपए देने होंगे।
 
यह म्यूजियम बनाने का आइडिया एक मरिन पार्क डायरेक्टर हाइमी ग्होनसैलिस कांटो का था, जिन्होंने जेसन डिकेयर्स टेलर की मदद से साल 2009 में इस बॉटेनिकल पार्क की नींव रखीं, जो 2013 तक बन कर पूरा हुआ। अब आप सोच रहे होंगे कि इन मूर्तियों को पानी के अंदर कैसे स्थापित किया गया, तो हम आपको बता दें कि लिफ्ट और क्रेन के जरिए मूर्तियों को नीचे स्थापित किया। इन्हें स्थापित करने में स्कूबा डाइवर्स, स्थानीय लोग और घूमने वाले लोगों की मदद ली गई। यहां की हर आकृति एक कृत्रिम रीफ की तरह है, जिन्हें एलगी से कवर किया गया है ताकि मूर्तियों के ऊपर कोरल रीफ उगे और मछलियां वहां आ सकें। इससे मरीन लाइफ को प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही पर्यावरण के प्रति जागरुकता और सामाजिक बदलाव होंगे। माना जाता है कि यह म्यूजियम वहां की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी, साथ ही डाइवर्स और नाविकों के लिए आय का जरिया होगी। अब यह दुनिया का सबसे बड़ा कृत्रिम रीफ बन गया है।
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »