ह्यूस्टन। यूनिवर्सिटी आॅॅफ ह्यूस्टन के भौतिकविदों ने पानी से हाइड्रोजन और आॅक्सीजन अलग करने का नया तरीका खोज लिया है। इस विधि से भविष्य में प्रभावी तरीके से स्वच्छ हाइड्रोजन र्इंधन तैयार किया जा सकता है। यूनिवर्सिटी ने बताया कि यह खोज पानी से हाइड्रोजन निकालने की प्राथमिक बाधाओं में से एक को दूर करती है।
विज्ञानियों के इस दल के एक सदस्य पाउल सी. डब्ल्यू चू ने कहा, ‘हाइड्रोजन सबसे स्वच्छ प्राथमिक ऊर्जा स्रोत है। अगर कोई उत्प्रेरक की मदद से पानी में आॅक्सीजन के मजबूत बॉन्ड से हाइड्रोजन को अलग करे तो पानी हाइड्रोजन का सबसे प्रचुर स्रोत हो सकता है। पानी को हाइड्रोजन और आॅक्सीजन में अलग करने के लिए प्रत्येक तत्व के लिए दो प्रतिक्रिया की जरूरत होती है।
आॅक्सीजन के हिस्से के समीकरण के लिए प्रभावी उत्प्रेरक को प्राप्त करना मुख्य परेशानी का सबब होता है, जिसके बारे में अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने अब इसे प्राप्त कर लिया है। यह उत्प्रेरक लौह मेटाफॉस्फेट और एक कंडक्टिव निकेल फोम प्लेटफॉर्म का बना होता है। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि इन पदार्थों का मिश्रण मौजूदा समय के समाधान से ज्यादा प्रभावी और कम खर्चे वाला है।
यह परीक्षण में बहुत ज्यादा टिकाऊपन भी दिखाता है क्योंकि यह 20 घंटे और 10,000 चक्रों के बाद भी बिना किसी प्रतिक्रिया के संचालित होता है। इस नए तरीके का इस्तेमाल करने का मतलब यह है कि अब बिना कार्बन उत्सर्जन के ही हाइड्रोजन उत्पादित किया जा सकता है।