छत्तीसगढ़। जी हां आप ने सही पढ़ा, इस मंदिर में कोई भी शक्स घंटी नहीं बजा सकता। फिर चाहे वह यहां के पुजारी हो या कोई भक्त। वैसे यह मंदिर छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में स्थित है। यह मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है।
मां दंतेश्वरी मंदिर में लगे यह घंटे बजाना वर्जित है। लोग इसे बजा नहीं बचा पाए इसलिए मंदिर प्रशासन ने घंटों के बीच में दिए पेन्डूलम को भी निकाल दिया है। लोगों में इस बात को लेकर रोष भी है। इनका तर्क है कि घंटा-घड़याल मंदिरों को दान किए जाते है। यह वस्तुएं मंदिर में नहीं बजेंगे तो और कहां बजेंगे।
लेकिन मंदिर प्रबंधन ने बताया कि, एक पुजारी की शिकायत पर घंटों में लगी पेन्डूलम को निकाल दिया गया है। पुजारी ने कहा था कि घंटों की आवाज से उनका ध्यान भंग होता है। इसलिए इन घंटों को पांच साल पहले ही हटा दिया गया।
52 शक्तिपीठ में से एक हैं दंतेश्वरी मंदिर
जगदलपुर में स्थित यह मंदिर मां दंतेश्वरी का है। यह पीठ देशभर में स्थापित 52 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यताओं के अनुसार यह वहीं स्थान है जहां देवी सती का दांत गिरा था। कहा जाता है कि यह मंदिर त्रेता युग से यहां स्थित है।