मेरठ। कपड़ा व्यवसायी संत बने गोल्डन बाबा उर्फ सुधीर कुमार मक्कड़ आज कल फिर से मीडिया की सुर्खियों में बने हुए हैं। 5 किलो से कांवड़ यात्रा की शुरुआत करने वाले गोल्डन बाबा अब 13.5 किलो सोना पहनकर कांवड़ यात्रा करते हैं। जिसकी कीमत 4 करोड़ रुपए के करीब है। बाबा कांवड़ यात्रा कभी अकेले नहीं करते हैं बल्कि इनके साथ एक लंबा काफिला भी चलता है।
बाबा की जूलरी में सोने के और कीमती पत्थरों से जड़े आभूषण हैं। हाथों में कीमती अंगूठियां हैं और इन सबका वजन कुल मिलाकर 13.5 किलो के करीब है। साथ ही बाबा के पास एक खास हीरों से जड़ी हुई घड़ी भी है, जिसकी कीमत 27 लाख रुपए के करीब है।
30 निजी सुरक्षाकर्मी और 350 कांवड़ियों के दल के साथ वह बम-बम के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि आखिरी सांस तक कांवड़ लाऊंगा। गोल्डन बाबा की यह 24वीं कांवड़ है। मंगलवार देर रात संगीनों के साए में मुजफ्फरनगर पुलिस ने बाबा को सकौती में छोड़ा।
सकौती में रात्रि विश्राम के बाद वह अपने साथियों के साथ हाईवे पर दशरपुर गांव के सामने पहुंचे तो बाबा को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। बातचीत में गोल्डन बाबा (सुधीर कुमार) ने बताया कि कांवड़ यात्रा का राष्ट्रीयकरण हो रहा है।
हरिद्वार में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उनका फूल माला पहनाकर स्वागत किया था। गोल्डन बाबा ने बताया कि वह सुरक्षा को देखते हुए हाईवे पर लगे किसी भी शिविर में प्रसाद ग्रहण नहीं करते हैं। उनके काफिले में रसोई स्टाफ से लेकर बारिश में रुकने के लिए अत्याधुनिक तकनीक से बना तंबू है। उनके काफिले में एंबुलेंस भी है।