नई दिल्ली। वृंदावन में बन रहे विश्व के सबसे ऊंचे हिंदू मंदिर ‘चंद्रोदय टेंपल’ का निर्माण साल 2020 तक पूरा हो जाएगा। इसके 20 एकड़ क्षेत्र में भगवान कृष्ण पर आधारित थीम पार्क का भी निर्माण किया जाएगा। इस्कॉन, बेंगलुरु की परिकल्पना पर बन रही इस परियोजना का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और इस साल दिसंबर तक नींव का काम पूरा हो जाएगा।
करीब 65 एकड़ क्षेत्र में फैली पूरी परियोजना में चंद्रोदय मंदिर 210 मीटर (लगभग 700 फुट) ऊंचा और 70 मंजिलों वाला होगा। मंदिर का ढांचा 500 से अधिक स्तंभों पर खड़ा होगा, जो व्यास में एक मीटर और उंचाई में 55 मीटर के होंगे। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मार्च 2014 में मंदिर का भूमि पूजन किया था।
आधुनिक और भारती वास्तुकला का होगा संगम
इस परियोजना निदेशक सुव्यक्त नरसिम्हा दास ने बताया कि यह मंदिर भारतीय और आधुनिक वास्तुकला का संगम होगा। दास के अनुसार मंदिर के चारों ओर एक हराभरा वन बनाया जाएगा, जो भगवान कृष्ण पर आधारित थीम पार्क होगा। यह वन क्षेत्र करीब 20 एकड़ में फैला होगा, जिसमें वटवृक्षों से घिरा भंदिरवन, ताड़ के वृक्षों से घिरा ताल वन और कमल पुष्पों के जलाशयों से सजा कुमुद वन होगा। इसमें ब्रज के 12 वन क्षेत्र (द्वादश कानन) के प्रतिरूप बनाए जाएंंगे। यमुना के स्वरूप में कृत्रिम झरने का निर्माण किया जाएगा, जिसमें पर्यटकों को नौकायन का अवसर मिलेगा। बच्चों को भी आनंद आएगा क्योंकि वहां जंगल में कृष्ण-लीला देखने को मिलेगी।
700 करोड़ रुपए आएगी लागत
इस परियोजना पर लगभग 700 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। यह पैसा लोगों से चंदे के जरिए जुटाएगा। मंदिर प्रबंधन इसे दुनिया का पहला ऐसा मंदिर बनाना चाहता है, जो लीड (लीडरशिप इन एनर्जी एंड एनवॉयरमेंट डिजाइन) की ओर से गोल्ड रेटिंग प्रमाणपत्र प्राप्त करने के सभी मानकों को पूरा करता हो। परियोजना की डिजाइनिंग में मेसर्स थॉर्नटॉन टोमासेत्ती कंपनी शामिल है। कंपनी के लियोनार्ड जोसफ मंदिर की डिजाइन पर काम कर रहे हैं। जोसेफ इससे पहले ताइपे-101, पेट्रोनस ट्विन टॉवर्स, कोहिनूर स्क्वायर और शंघाई टॉवर आदि की डिजाइन का काम कर चुके हैं।