बर्लिन। हिटलर की तानाशाही के किस्से तो सभी ने काफी सुने हैं। अब इतिहासकारों में हिटलर की सेक्शुअल लाइफ को लेकर काफी विवाद है। कई लोगों का मानना है कि हिटलर अपने प्राइवेट पार्ट में हाइपोस्पेडियस से जूझ रहा था इसलिए वह सेक्स से डरता था। इस विवाद को नई किताब ‘हिटलर लास्ट डे: मिनट बाइ मिनट’ ने ताजा कर दिया है।
लंबे समय से यह संदेह किया जाता रहा है कि तानाशाह हिटलर में मर्दानगी की कमी थी इसलिए वह अपने पौरुष के प्रदर्शन की भरपाई लड़ाइयों में करता था। आशंका यह भी जताई जाती है कि इसीलिए उसने यूरोप को तबाह करके रखा दिया। हिटलर की सेक्स लाइफ से जुड़ी आधी अधूरी कहानी हर इंसान अपने हिसाब से गढ़ता है। इस किताब का दावा है कि जर्मनी के इस तानाशाह का लिंग बेहद छोटा था।
हिटलर हाइपोस्पेडियस से पीड़ित था। इससे पीड़ित होने के बाद पुरुषों में मर्दानगी के गुण कम हो जाते हैं। हिस्टोरियन जौनतन मायो और एमा क्रेगी ने यह दावा किया है। किताब, ‘हिटलर लास्ट डे: मिनट बाइ मिनट’ में उसके मेडिकल रेकॉर्ड के आधार पर पुष्टि की गई है कि हिटलर का लिंग विकृत था। इससे पीड़ित शख्स जब पेशाब करता है तो पेनिस के अलग छिद्र से पेशाब निकलता है। हालांकि सोमवार को इतिहासकारों ने इस दावे में संशोधन भी किया।
क्रेगी ने द इंडिपेंडेंट को दिए इंटरव्यू में कहा कि हाइपोस्पेडियस के कारण हिटलर के छोटे लिंग होने की आशंका है। क्रेगी ने कहा कि मेरे पास वैसा कोई सबूत नहीं है जिससे कह सकूं कि हिटलर का लिंग विकृत था।