भुज। पूरी जिंदगी भीख मांग कर गुजारा किया है, और जो बचा उसे कबूतरों के चबूतरे के लिए दान दे दिया है। ये कहानी गुजरात के कच्छ के पोपट की। पोपट ने जिंदगी के 40 साल तक कच्छ में शूरवीर राजपूत राजाओं को समर्पित छतरियों के नीचे भीख मांगते हुए वक्त गुजारा।
कंक्रीट के बनने वाले इस टावर में पोपट का नाम दानकर्ता के तौर पर लिखा होगा। इस टावर को बनाने में 1.15 लाख रूपए की लागत लग रही है जिसे पोपट ने 40 साल तक भीख मांग कर जमा किया है।
भुज के प्रसिद्ध शिव मंदिर के पुजारी खुद इस 'चबूतरों' के निर्माण की निगरानी करेंगे। उसका मानसिक संतुलन सही नहीं है। लेकिन भुज में पोपट का नाम अमर हो जाएगा, क्योंकि उसने जो दान दिया है, उससे कबूतरों के लिए टावर बनाया जा रहा है।