सीरिया। खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस ने एक स्वतंत्र महिला पत्रकार का सिर कलम कर दिया है। महिला का कसूर बस इतना था कि उसने आईएसआईएस के खिलाफ फेसबुक पर एक पोस्ट डाला था। सारिया मीडिया में आई खबरों के मुताबिक महिला ने इस्लामिक स्टेट के कब्जे में रहने वाले लोगों की आपबीती लिखी थी।
राकिया हसन के साथ काम करने वाली एक अन्य पत्रकार फुरत अल वफा ने बताया कि राकिया ने अपने फेसबुक पेज पर इस्लामिक स्टेट के कब्जे वाले इलाकों में रहने वाले लोगों की जिंदगी के बारे में लिखा था। साथ ही साथ वो रक्का शहर में मौजूद आईएस के ठिकानों पर होने वाले हवाई हमलों की को भी फेसबुक के जरिए साझा किया करती थी।
आईएस की दहशतगर्दी के खिलाफ न्यूज वेबसाइट चलाने वाले अबु मोहम्मद ने राकिया के आखिरी शब्दों को ट्विटर के जरिए बताया। राकिया ने अपने आखिरी पलों में कहा कि वो रक्का में हैं और उनकी जान पर खतरा है। अगर आईएस के आतंकी उनका गला काट देते हैं, तो उसके लिए ये ठीक है क्योंकि अपमान के साथ जीने से ज्यादा सम्मान अपना गला कटवाने में है। राकिया ने 21 जुलाई 2015 को फेसबुक पर अपना आखिरी पोस्ट डाला था।
इससे पहले राकिया ने 20 जुलाई को फेसबुक पर आईएस द्वारा रक्का शहर में वाई-फाई की सुविधा पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ पोस्ट डाला था। राकिया ने आईएस पर निशाना साधते हुए लिखा था कि जाओ और इंटरनेट को रोक दो, लेकिन तुम हमारे संदेशों को रोक नहीं पाओगे।
अब तक पांच पत्रकारों की हत्या
सीरिया की एक न्यूज वेबसाइट के मुताबिक आईएस के आतंकियों ने राकिया के परिवारवालों को जानकारी दी है कि 2 दिसंबर को राकिया का सिर कलम कर दिया गया। ये भी जानकारी दी जा रही है कि आईएस ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर किसी महिला का सिर कलम किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक राकिया को मिलाकर आईएस ने अबतक पांच पत्रकारों की हत्या कर दी है।