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वफादारी के लिए अनूठी पहल...

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 5 2015 2:44PM | Updated Date: Jul 6 2015 1:18AM
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जमशेदपुर। यह अपनी तरह का अनूठा कब्रिस्तान है, क्योंकि इस कब्रिस्तान में एक प्रमुख कार कंपनी के परिसर की सुरक्षा के लिए अपना जीवन बिताने वाले कुत्तों को दफनाया जाता है जो मानव के सबसे अच्छे दोस्त के प्रति स्नेह की निशानी भी है। जमशेदपुर में फैले टाटा मोटर्स के परिसर में 50 साल से भी अधिक समय पहले 1963 में यह श्वानालय अस्तित्व में आया था। उस साल बम्बई पुलिस ने चार से पांच कुत्तों के पहले बैच को प्रशिक्षित किया था।

टाटा मोटर्स के सुरक्षा प्रमुख स्क्वाड्रन लीडर नसीब सिंह कादियान ने बताया कि कंपनी परिसर की सुरक्षा करने वाले इन कुत्तों के प्रति स्नेह के कारण ही एक साल बाद 1964 में इस श्वानालय में उनकी यादें सहेज कर रखने के लिए एक कब्रिस्तान बनाया गया। तब से टाटा मोटर्स ने अपने इन विशेष श्वान प्रहरियों के लिए इस कब्रिस्तान को बरकरार रखा है जो बेहद व्यवस्थित रूप में है।

कादियान ने कहा, जहां तक मुझे मालूम है यह सुरक्षा करने वाले कुत्तों के लिए बना देश में इकलौता कब्रिस्तान है। उन्होंने बताया कि पांच एकड़ में फैले इस कब्रिस्तान में 34 व्यवस्थित कब्र हैं जिन पर, दफन किए गए इन कुत्तों के जन्म और मृत्यु की तारीख, उनकी नस्ल और कंपनी में सेवा का कार्यकाल जैसी विस्तृत जानकारियां अंकित हैं।
 

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