लंदन। ईरान के एक वरिष्ठ मौलवी अहमद खतामी ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि अगर उनके देश पर हमला हुआ तो इसका परिणाम युद्ध होगा तथा अमेरिका और उसके सहयोगी देश इजरायल उनके निशाने पर होंगे। खतामी बुधवार को ईद की नमाज में शामिल लोगों को संबोधित कर रहे थे। अमेरिका चाहता है कि ईरान अपने मिसाइल कार्यक्रमों और क्षेत्रीय प्रभुत्व को लेकर उसके सामने झुक जाएं, इसलिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का ईरानी नेताओं के साथ वार्ता संबंधी प्रस्ताव अस्वीकार्य है।
मिजान न्यूज एजेंसी ने खतामी के हवाले से कहा, अमेरिका कहता है कि हमें प्रस्ताव स्वीकार कर लेना चाहिए। यह समझौता वार्ता नहीं है, बल्कि तानाशाही है और ईरान इस तानाशाही के खिलाफ खड़ा होगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, अमेरिका को ईरान के साथ युद्ध की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। वे जानते हैं कि अगर ईरान को नुकसान पहुंचाया गया तो अमेरिका और इजरायल उनके निशाने पर होंगे।
इससे पहले ईरानी राष्ट्रपति हसन रौहानी ने मंगलवार को कहा था कि ईरान की सामर्थ्य को देखकर ही अमेरिका उस पर हमला नहीं कर पा रहा है। उन्होंने ईरानी सेना को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की। अमेरिका ने ईरान के साथ 2015 में किए गए अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते से जून में पीछे हटते हुए इसी महीने फिर से ईरान में प्रतिबंध लगाया है।