कुआलालंपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन देशों की यात्रा के दूसरे चरण में गुरुवार सुबह मलेशिया की राजधानी कुलालालंपुर पहुंचे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक टवीट् कर कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन देशों की यात्रा के दूसरे चरण में कुआलालंपुर पहुंचे, उन्होंने अपने समकक्ष डॉ. महातिर बिन मोहम्मद से मुलाकात की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से मुलाकात की और इस दौरान दोनों नेताओं ने आपसी सहयोग तथा रणनीतिक भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया। मोदी ने एक टवीट् कर कहा 'डॉ. महातिर मोहम्मद से मिलकर काफी खुशी हुई और जिस गर्मजोशी के साथ उन्होंने मेरा स्वागत किया उसके लिए धन्यवाद, भारत और मलेशिया के संबंधोें को और प्रगाढ़ करने के लिए काफी सकारात्मक बातचीत हुई है।' विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने टवीट् करते हुए कहा कि इस दौरान मोदी ने डॉ. मोहम्म्द को मलेशिया का प्रधानमंत्री बनने के लिए बधाई भी दी।
---भारत के रणनीतिक भागीदार आसियान देश
हमारी एक्ट ईस्ट नीति में मलेशिया एक महत्वपूर्ण रणनीतिक सहयोगी और प्राथमिकता वाला देश है। मोहम्मद (92) ने 10 मई को मलेशिया के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। उन्होंने मलेशिया में 1957 से शासन कर रहे बारिसान नेशनल (बीएन) गठबंधन को चुनाव में परास्त करने वाले विपक्षी गठजोड़ का नेतृत्व किया था। मोदी की मलेशिया यात्रा का उद्देश्य रक्षा और व्यापार सहित विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उसके साथ भारत के रिश्तों को और अधिक बेहतर करना है। इस दौरान मोदी और मोहम्मद व्यापार एवं निवेश सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय रिश्ते गहरे करने के उपायों पर विचार किया। मोदी की मलेशिया की यह दूसरी यात्रा है। इससे पहले वह 2015 में भी मलेशिया आए थे।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक 'आसियान के तीन देश इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर भारत के रणनीतिक भागीदार हैं और भारत सरकार आसियान क्षेत्र के साथ अपने संबंधों को बहुत तबज्जो देती है तथा आसियान के प्रत्येक सदस्य देश के साथ सरकार 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' के तहत अपने संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए कृतसंकल्प है।
---इंडोनेशिया के साथ 15 करार
इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी ने इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में कालीबाता नेशनल हीरोज सिमेट्री में श्रद्वांजलि अर्पित की और आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए। दक्षिण जकार्ता में कालीबाता हीरोज सिमेट्री सैनिकों की एक कब्रगाह है जिसे 1953 में बनाया गया था और नवंबर 1954 में पहली बार इसमें किसी को दफनाने के बाद इसे खोला गया था। इसमें सेना की कार्रवाई में मारे गए सात हजार से अधिक लोगों के अलावा जापानी सेना के वे जांबाज भी दफनाए गए हैं जो अपनी इच्छा से द्वितीय विश्व युद्व के बाद यहीे रह गए थे और इंडोनेशिया की आजादी के लिए जिन्होंने अपनी जान लुटा दी थी।
मोदी ने राष्ट्रपति जोको विडोडो से मुलाकात की थी और भारत तथा इंडोनेशिया ने अपने रक्षा सहयोग समझौते का नवीकरण करने के साथ ही अंतरिक्ष, रेलवे, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के 15 करारों पर हस्ताक्षर किये। इनमें छह समझौते विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों के मध्य हुए हैं। इंडोनेशिया के बाली और भारत के उत्तराखंड राज्यों को 'सहोदर राज्य' बनाने की भी घोषणा की गयी।