इस्लामाबाद। पाकिस्तान में पहली बार आतंकवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की खबर सामने आ रही है। सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने 11 खूंखार आतंकियों के मृत्युदंड पर मुहर लगा दी है। इन आतंकियों को विशेष सैन्य अदालत ने 60 लोगों की जान लेने के जुर्म में मौत की सजा सुनाई थी। इनमें 36 आम नागरिक तथा सशस्त्र बल, सीमा सैन्य बल और 24 पुलिसकर्मी शामिल थे।
वहीं 142 अन्य इन आतंकियों के हमलों में घायल हुए थे। सूत्रों के मुताबिक इनके ठिकानों से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया था। ये आतंकी सुरक्षा बलों पर हमले व मलकंद यूनिवर्सिटी में हमला कर मासूमों की जान लेने की वारदातों में शामिल थे। मारे गए नागरिकों में खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा का एक सदस्य भी शामिल था। इन सभी ने ट्रायल कोर्ट में अपना अपराध कुबूल किया।
तीन अन्य को कारावासउक्त 11 आतंकियों के अलावा तीन अन्य दोषियों को सैन्य अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। बयान के मुताबिक ये सभी 2014 में पेशावर में स्कूली हमले के दोषी थे। हालांकि सुरक्षा कारणों के चलते अदालती कार्यवाही और सजा दिए जाने के स्थान का खुलासा नहीं किया गया अमेरिका ने हमेशा आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर पाकिस्तान की निंदा की है।
कुछ समय पहले अमेरिकी सेना के वरिष्ठ कमांडर ने कहा था कि पाकिस्तान ने तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ अभी तक निर्णायक कार्रवाई नहीं की, ऐसे में उसे अमेरिकी सुरक्षा सहायता पर रोक जारी रहेगी।