काबुल। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच हाल ही में संपन्न बातचीत में दोनों देशों के बीच सबसे गंभीर मसले आतंकवाद के मामले में कोई खास प्रगति नहीं हुई है।
पाकिस्तान ने पिछले हफ्ते अफगानिस्तान - पाकिस्तान एक्शन प्लान फॉर पीस एंड सोलिडेरिटी का आयोजन किया था। विदेश मंत्रालय ने इस बैठक के बाद कहा था,"आतंकवाद पर सहयोग करने की प्रक्रिया पर कुछ सहमति बनी है लेकिन इस मामले में खासकर आतंकवाद निरोधक उपायों, हिंसात्मक घटनाओं में कमी, शांति जैसे मसलों पर कोई भी ठोस लक्ष्य हासिल नहीं हुआ है और विशेष रणनीति, समयबद्व परिणाम जैसी योजनाओं पर कोई प्रगति नहीं हुई है।
अफगानिस्तान का कहना है कि तालिबान हमला करने के लिए पाकिस्तानी धरती का इस्तेमाल करता है जबकि पाकिस्तान इन आरोपों का खंडन करता है। हाल ही में 20 और 27 जनवरी को काबुल में दो भीषण हमले हुए थे जिनमें 150 लोग मारे गए थे और सैंकड़ों घायल हुए थे। इन घटनाओं में भी पाकिस्तान ने अपना हाथ होने से इनकार किया है। इस बातचीत में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश सचिव तहमीना जांजुआ और अफगानिस्तानी पक्ष की अगुवाई उप विदेश मंत्री हिकमत खाली करजई ने किया।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा है कि दोनों पक्षों में काफी अच्छी बातचीत हुई है। उन्होंने एक ट्वीट कर कहा, "पाकिस्तान अफगानिस्तान बातचीत, दो दिनों का अच्छा विचार विमर्श, कुछ समझौते और इस दिशा में अभी कुछ और काम किया जाना है।"