कोपेनहेगन। यूरोपीय देश डेनमार्क भी बुर्के और नकाब पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है। डेनमार्क की संसद में ज्यादातर पार्टियों ने मुस्लिम महिलाओं के इन पहनावे पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन किया है। यूरोप में पूरी तरह या आंशिक तौर पर चेहरा ढकने के पहनावे जैसे बुर्का और नकाब को लेकर जनमत बंटा हुआ है। कुछ लोग धार्मिक आजादी की दुहाई दे रहे हैं तो कुछ यह दलील दे रहे हैं कि इस तरह के पहनावे महिलाओं पर अत्याचार के प्रतीक हैं। डेनमार्क में गठबंधन सरकार के सबसे बड़े दल लिबरल पार्टी के प्रवक्ता जैकब एलेमैन-जेन्सेन ने शुक्रवार को कहा, यह प्रतिबंध धार्मिक पहनावे पर नहीं बल्कि चेहरा ढंकने पर है।
सभी बुर्के पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में
सत्तारूढ़ गठबंधन के एक और दल डेनिश पीपुल्स पार्टी और मुख्य विपक्षी सोशल डेमोक्रेट्स ने भी कहा, हम सभी बुर्के पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में हैं। हम अभी यह चर्चा कर रहे हैं कि इसे किस तरह अमल में लाया जाए। विदेश मंत्री एंडर्स सैमुअलसन की पार्टी लिबरल एलायंस ने भी इस मुद्दे पर समर्थन का संकेत दिया है। उनकी पार्टी पहले बुर्के पर प्रतिबंध लगाने का यह कहते हुए विरोध कर रही थी कि इससे पहनावा चुनने की आजादी सीमित हो जाएगी।
यूरोप के इन देशों में है प्रतिबंध
फ्रांस, बेल्जियम, नीदरलैंड्स, बुल्गारिया और जर्मनी के बावेरिया प्रांत में सार्वजनिक स्थानों पर चेहरे को पूरी तरह ढकने पर प्रतिबंध है। नार्वे सरकार भी इस साल जून में स्कूलों और विश्वविद्यालयों में चेहरा ढकने पर रोक लगाने का प्रस्ताव लाई थी।