यंगून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार दौरे के दूसरे दिन बागान में प्राचीन बौद्ध मंदिर आनंदा टेंपल का दौरा किया और इसके बाद यहां भारतीयों को संबोधित किया।
मोदी ने यहां म्यांमार में रह रहे प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देशों के आपसी संबंध सदियों पुराने हैं। दोनों देशों की सभ्यताएं गंगा, कृष्णा, गोदावरी, ब्रह्मपुत्र और ईरावडी की गोद में विकसित हुई हैं। उन्होंने भारतीयों का दूसरा घर बताते हुए कहा कि दोनों देशों की सीमाएं ही नहीं, बल्कि एक दूसरे की भावनाएं आपस में जुड़ी हुई हैं।
उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों में पांच 'बी' का उल्लेख करते हुए कहा कि ये बुद्ध, बिजनेस, भरतनाट्यम, बालीवुड और बर्मा टीक हैं, लेकिन छठा महत्वपूर्ण 'बी'- भरोसा है, जिस पर दोनों देशों के संबंध टिके हैं।
उन्होंने दोनों देशों के लोगों द्वारा पूजे जाने वाले देवी-देवताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि म्यांमार को ब्रह्मा का देश भी कहा जाता है। म्यांमार ने भारत में जन्मे बौद्ध धर्म को पाला पोसा है और इसे यहां के शिक्षकों और भिक्षुओं ने सहेजा है।
प्रधानमंत्री ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान म्यांमार आने वाले नेताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत का इतिहास म्यांमार के उल्लेख के बिना पूरा नहीं होता है। इसके लिए उन्होंने महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, गुरुवर रवीन्द्रनाथ टैगोर और बहादुर शाह जफर का उल्लेख किया।
मोदी ने किया समझौते का उल्लेख
पीएम ने कहा कि म्यांमार से भारत का रिश्ता अब और मजबूत होगा. ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर, बॉर्डर समझौते और क्रॉस बॉर्डर मोटर व्हीकल समझौतों के जरिए दोनों देशों के बीच आदान प्रदान बढ़ाया जाएगा। इससे पहले म्यांमार दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की के साथ डेलिगेशन लेवल की वार्ता की। दोनों नेताओं ने वार्ता के बाद साझा प्रेस वार्ता को संबोधित किया. भारत और म्यांमार के बीच कुल 11 समझौते हुए।