बीजिंग। डोकलाम मुद्दे को लेकर भारत को पिछले कई दिनों से धमकी दे रहा चीन अब पीछे हटने को तैयार हो गया है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी डोकलाम के विवादित प्वाइंट से 100 मीटर पीछे हटने को तैयार है। वहीं भारत उसे 250 मीटर पीछे हटाने पर अडा हुआ है। वहीं चीनी मीडिया डोकलाम को लेकर लगातार भारत को धमकी दे रहा है। ज्ञातव्य है कि चीनी मीडिया भारत को कई बार धमकी भरे लहजे में कह चुका है कि भारत को डोकलाम से अपनी सेना हटा लेनी चाहिए, नहीं तो उसे युद्ध झेलना पडेगा। ज्ञातव्य है कि हाल ही में चीनी मीडिया ने डोकलाम को लेकर कहा था कि भारत के साथ सैन्य संघर्ष की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। इतना ही नहीं चीन ने उत्तराखंड में घुसपैठ करने की धमकी भी दी है।
250 मीटर पीछे हटे चीन- भारत
अब तक युद्ध का राग अलाप रही चीनी सेना अब डोकलाम के विवादित प्वाइंट से 100 मीटर तक पीछे हटने को तैयार हो गई है लेकिन भारत चाहता है कि चीनी सेना 250 मीटर तक पीछे हटे। भारत की ओर से कहा गया है कि चीनी सेना विवादित प्वाइंट से 250 मीटर पीछे हटे, उसके बाद ही भारतीय सेना पीछे जाएगी।
वहीं चीनी सेना का कहना है कि चीन विवादित प्वाइंट से 100 मीटर पीछे हटने को तैयार है इसलिए भारत को अपनी पूर्व पोजिशन पर जाना चाहिए। ज्ञातव्य है कि पहले चीनी सेना ने भी साफ कह दिया था कि वह किसी भी कीमत पर डोकलाम से पीछे नहीं हटेगी।
चीन ने 80 टेंट गाड़े, किए 800 सैनिक तैनात
वहीं दूसरी तरफ चीन ने एक बार फिर सीमा पर अपनी उपस्थिति तेज कर दी है। खबरों की माने तो चीन ने सीमा पर 80 तंबू गाड़े हैं। अनुमान लगया जा रहा है कि इन तंबूओं में 50 से अधिक सैनिक हो सकते हैं। लेकिन भारतीय सैनिकों की मानें तो चीन ने करीब 300 पीएलए सैनिकों को तैनात किया हुआ है। भारतीय सरकार ने सीमा पर अपने 350 सैनिक तैनात किए हैं जो 30 तंबूओं में रह रहे हैं। वहीं वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बात पर कोई प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया है। उन्होंने बताया कि विरोधी की तरफ से किसी भी तरह की हलचल की उम्मीद नहीं है। लेकिन भारतीय सैना डोकलाम के आसपास लगातार अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है।
डोकलाम हमारा एरिया- भूटान
डोकलाम विवाद पर अब तक चुप रहने वाले भूटान ने भी भारत का साथ दिया है। न्यूज एजेंसी से बातचीत में भूटान सरकार के एक ऑफिशियल सोर्स ने कहा- हमने चीन को ये मैसेज भेज दिया है कि आप हमारे इलाके में सड़क बनाने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच 1988 और 1998 में समझौते हो चुके हैं। और सड़क बनाने की ये कोशिश उन एग्रीमेंट्स का वॉयलेशन है।
भारतीय सेना न लड़ाई, न शांति की दशा में चीन
सूत्रों ने कहा कि डोकलाम में हम न लड़ाई, न शांति की दशा में हैं। सैन्य बोलचाल में न लड़ाई, न शांति का तात्पर्य शत्रु के साथ टकराव या आमने-सामने होना होता है। भारत और चीन सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में पिछले 50 दिनों से एक दूसरे के आमने सामने हैं। उससे पहले भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को इस इलाके में सड़क बनाने से रोक दिया था। चीन ने दावा किया है कि वह अपने क्षेत्र में सड़क बना रहा है और वह विवादास्पद डोकलाम पठार से भारतीय सैनिकों की वापसी की मांग कर रहा है। भूटान का कहना है कि डोकलाम उसका क्षेत्र है लेकिन चीन उस पर अपना दावा बताता है। चीन यह भी कहता है कि इस इलाके को लेकर उसका भूटान से कोई विवाद नहीं है।