नई दिल्ली। आतंक के सरगना हाफिज सईद की नजरबंदी की अवधि दो महीने के लिए बढ़ा दी गई है। वो अपने घर में कैद है, लेकिन उसके आतंक की फैक्टरी से निकले हुए आतंकी निर्दोषों को निशाना बना रहे हैं। हाफिज सईद के आतंकी संगठन जमात-उद -दावा को अमेरिका और संरा ने प्रतिबंधित घोषित कर रखा है। हाफिज के मुद्दे पर पाकिस्तान हमेशा अमेरिका की डांट सुनता रहता है, लेकिन पाकिस्तान हमेशा ये कहता है कि आतंक फैलाने के लिए जिम्मेदार नॉन स्टेट एक्टर्स के खिलाफ वो कार्रवाई कर रहा है।
ये बात अलग है कि जमीन पर पाकिस्तान की कार्रवाई दिखती नहीं है। अब वहीं खूंखार चेहरा, खूंखार आतंकी संगठन जमात-उद-दावा का सरगना हाफिज सईद स्टेट एक्टर बनने की फिराक में है। उसने पाकिस्तान निर्वाचन आयोग में अपने राजनीतिक दल ‘मिल्ली मुस्लिम लीग’ को मान्यता देने की अर्जी दी है। हालांकि उसकी अर्जी पर अभी फैसला नहीं हुआ है। अब सवाल ये है कि अगर हाफिज सईद की पार्टी को मान्यता मिलती है तो वो भारत के लिए किस तरह से खतरनाक हो सकता है।
फौज में पैठ के बाद अब सियासत में सईद
पाकिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल जारी है। पनामागेट में नवाज शरीफ को पीएम की कुर्सी गंवानी पड़ी। हाफिज सईद को लगता कि पाकिस्तान की राजनीति में एंट्री के लिए ये बेहतरीन मौका है। पाकिस्तानी फौज और आईएसआई में हाफिज सईद की अच्छी पैठ है। अगर चुनाव आयोग से हरी झंडी मिल जाती है तो फिर ये आतंक का आका पाकिस्तान की राजनीति में अपने पैर जमाने की कोशिश करेगा। गौरतलब है कि हाफिज सईद नवंबर 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमलों के साथ ही भारत में कई हमलों की साजिश का गुनाहगार है। जम्मू कश्मीर में हिंसा फैलाने में भी उसकी सक्रिय भूमिका है।
पागल हो गया है पाकिस्तान
पूर्व मेजर जनरल जीडी बख्शी ने कहा कि पाकिस्तान पागल हो गया है। अगर सईद की पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग को चुनाव आयोग मान्यता देता है तो उसे हास्यास्पद ही कहा जाएगा। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि हाफिज का पाक की राजनीति में आने से न केवल भारत बल्कि विश्व प्रभावित होगा। पाकिस्तान के न्यूक्लियर रिएक्टर असुरक्षित हाथों में चले जाएंगे, जिसका खामियाजा सबको उठाना पड़ेगा। इससे निपटने के लिए पूरी दुनिया को एकजुट होकर हाफिज सईद को खत्म करना होगा। गौरतलब है कि इस आतंकी पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है।
बुलेट चलाकर बैलेट के पीछे छिपना चाहता है आतंकी
आतंकवादी हाफिज सईद के राजनीतिक दल बनाने की रिपोर्टों पर भारत ने कहा है कि क्या वह बुलेट (गोलियां) चलाने के बाद बैलेट (मतदान पेटी) के पीछे छिपना चाह रहा है। जो हाथ खून में रंगे हैं, क्या उन्हें वह मतदान की स्याही में छुपाना चाहता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने शुक्रवार को यह बात कही।
पाक का असली चेहरा सामने आया
सईद के राजनीतिक दल बनाने पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय सूक्ष्म एवं लघु उद्योग राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि ये पाकिस्तान का अंदरूनी मामला है लेकिन पूरे विश्व की सुरक्षा से जुड़ा है। अब पाकिस्तान का असली चेहरा सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की राजनीतिक सत्ता डमी है। वह आर्मी के हाथ का खिलौना है। वहां आर्मी की नई पार्टी बन रही है और उसका अध्यक्ष हाफिज सईद रहेगा। खतरा पाकिस्तान से है। वह राजनीतिक दल के रूप में आतंकवादी संगठन को मान्यता दे रहा है। पाकिस्तान मतलब आर्मी रूल है।
हाफिज पर अमेरिका की तिरछी नजर
अमेरिका ने पहले ही जमात-उद-दावा को आतंकी संगठनों की सूची में डाल रखा है। इसके अलावा जमात का चैरिटी विंग फलाह-ए-इंसानियत भी आतंकी संगठनों की सूची में है। मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार हाफिज को अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र संघ ने आतंकी घोषित किया है। प्रतिबंध लगाए जाने के बाद जमात-उद-दावा ने अपना नाम बदलकर तहरीक-ए-आजादी-ए-कश्मीर कर लिया। अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र संघ ने जमात उद दावा को प्रतिबंधित कर रखा है, लेकिन पाकिस्तान को अब भी जेयूडी पर बैन लगाना है।