इस्लामाबाद। पनामा पेपर लीक मामले में पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ पर आरोप साबित हो गए हैं। पाक सुप्रीम कोर्ट ने नवाज को पनामा मामले में दोषी करार दिया। जिसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। पांच जजों की खंडपीठ ने एकमत से अपना फैसला सुनाया। आपको बता दें कि नवाज और उनके परिवार पर मनीलांड्रिग और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पनामा मामले की जांच के लिए JIT गठित की गई थी।
मामले से जुडे 10 Facts
- पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच जस्टिस आसिफ सईद खोसा के नेतृत्व में नवाज शरीफ के खिलाफ सुनवाई करेगी।
- कोर्ट में सुनवाई को लेकर पाकिस्तान के सभी दलों के नेता मौजूद हैं। तहरिक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान और उनकी पार्टी के एक और नेता जहांगीर तरीन कोर्ट में हैं।
- पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने नवाज शरीफ के परिवार से लंदन स्थित फ्लैटों के दस्तावेजी सबूत पेश करने को कहा था, ताकि इन पर उनके मालिकाना हक की पुष्टि की जा सके।
- प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बेटे के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दस्तावेज जमा करते हुए जोर दिया कि लंदन की संपत्ति उनके परिवार की नहीं है। लीक किया गया दस्तावेज फर्जी है।
- शरीफ के बेटे सबसे बड़े बेटे हुसैन नवाज के वकील सलमान अकरम रजा ने अदालत से कहा, ऐसा लगता है कि मोसाक फोंसेका (पनामा पेपर) ने जो दस्तावेज लीक किया है, उसे धोखाधड़ी से तैयार किया गया है।
- पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने उन खबरों को ‘हास्यास्पद’ करार दिया जिनमें कहा गया था कि उनका एक सप्ताह का ब्रिटेन दौरा पनामा पेपर्स लीक मामले से जुड़ा हुआ है।
- समाचार पत्र ‘डॉन’ के अनुसार मरियम के अचानक ब्रिटेन जाने से इस अटकल को बल मिला कि इस दौरे का ताल्लुक पनामा पेपर्स लीक मामले से हो सकता है जिसकी सुनवाई उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ कर रही है।
- मरियम 8 फरवरी को लंदन पहुंची जहां से उन्होंने ट्वीट किया कि वह अपने बेटे से मिलने के लिए ब्रिटेन में हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया के एक धड़े की ओर से मेरी यात्रा को दूसरे पहलू से पेश किया जाना हास्यास्पद है।
- प्रधानमंत्री शरीफ के परिवार का नाम पनामा पेपर्स में आया है। शरीफ और उनके परिवार ने आरोपों से इंकार किया है।
- पनामा पेपर लीक मामले में ये खुलासा हुआ था कि शरीफ ने 1990 के दशक में पीएम रहने के दौरान गैर कानूनी तरीके से लंदन में संपत्ति खरीदी थी। इसमें शरीफ और उनके परिजनों के विदेशी कंपनियों में भारी भरकम निवेश का भी खुलासा हुआ।