इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों के साथ सलाह मश्वरा कर ऐसी रणनीति तलाश कर रहे है। जिससे विपक्ष द्वारा उनके इस्तीफे की मांग का जवाब दिया जा सके। गौरतलब है कि पनामा मामले के जांच पैनल की रिपोर्ट में शरीफ पर धन शोधन के आरोप लगे है। जिसके बाद से विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है। छह सदस्यीय संयुक्त जांच दल जेआईटी ने शरीफ परिवार की विदेशों में संपत्ति और कथित भ्रष्टाचार की जांच संबंधी अपनी 10 खंडों वाली रिपोर्ट 10 जुलाई को शीर्ष अदालत को सौंपी थी। उसने सिफारिश की शरीफ और उनके बेटे हसन नवाज और हुसैन नवाज के साथ उनकी बेटी मरियम के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएलएन) के सांसदों के साथ बैठक में शरीफ देश में जारी राजनीतिक हालात का जायजा लेगे। पीएमएलएन के करीबी सूत्रों ने बताया कि यह बैठक पार्टी के कुछ असंतुष्ट सदस्यों का समर्थन जुटाने के लिहाज से अहम होगी जिनका समर्थन शरीफ के लिए काफी महत्वपूर्ण है। शरीफ के खिलाफ लगे धन शोधन के आरोपों पर जेआईटी की रिपोर्ट सोमवार को जमा की गई थी उसके बाद से यह चौथी उच्च स्तरीय बैठगे।
जेआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि शरीफ और उनके बच्चों की जीवनशैली आय के ज्ञात साधनों से कहीं आगे है। इस रिपोर्ट के बाद से विपक्षी दल शरीफ का इस्तीफा मांग रहे है। भ्रष्टाचार का यह हाई प्रोफाइल मामला वर्ष 1990 के समय लंदन में संपत्तियां खरीदने के लिए कथित धन शोधन का है जब वह दो बार प्रधानमंत्री रहे थे। इन संपत्तियों की जानकारी सार्वजनिक तब हुई जब पिछले वर्ष पनामा पेपर सामने आए जिनमें पता चला कि इनका प्रबंधन शरीफ के बच्चों के मालिकाना हक वाली विदशों में स्थित कंपनियां करती हैं।