लंदन। 17 बैंकों से 9000 करोड़ रुपए का कर्ज लेकर फरार हुए शराब कारोबारी 61वर्षीय विजय माल्या ने मंगलवार को दावा किया कि अपने मुकदमे के पक्ष में पैरवी के लिए उनके पास पर्याप्त सबूत हैं। अपने प्रत्यर्पण से जुड़े मामले की सुनवाई के सिलसिले में वह वेस्टमिंस्टर की मजिस्टेट कोर्ट में पेश हुए जहां उन्हें 4 दिसंबर तक जमानत दे दी गई।
मुख्य मेटोपालिटन मजिस्टेट एम्मा लुइस अरबुथनाट ने माल्या को 4 दिसंबर तक जमानत दे दी। मामले की अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होगी है। सुनवाई के बाद माल्या ने कहा कि उसने कोई लोन डायवर्ट नहीं किया। और वह मीडिया के लिए जवाबदेह नहीं है।
माल्या ने कोर्ट के बाहर मीडिया को बताया, मैं सभी आरोपों से इनकार करता हूं और किसी कोर्ट से नहीं बच रहा.....अपना पक्ष साबित करने के लिए मेरे पास पर्याप्त सबूत हैं। भारतीय अधिकारियों की तरफ से ब्रिटेन क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस र्सीपीएसी ने कोर्ट में भारतीय अधिकारियों का पक्ष रखे।
बता दें कि, इससे पहले माल्या के मामले में अप्रैल में सुनवाई हुई थी। तब स्कॉटलैंड यार्ड ने माल्या को कोर्ट में पेश किया था। गिरफ्तारी के तीन घंटे बाद ही माल्या को 4.5 करोड़ रुपए के बॉन्ड और पासपोर्ट जमा करने की शर्त पर जमानत मिल गई थी।
माल्या पर अलग-अलग बैंकों के 9000 करोड़ रुपए का कर्ज लेकर देश छोड़कर फरार हो गए। माल्या 2016 से ही लंदन में हैं। जिसके बाद भारत ने ब्रिटेन सरकार से माल्या को भारत भेजने की अपील की थी। भारत की मांग पर सुनवाई करते हुए लंदन प्रशासन ने माल्या को रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्हें जमानत मिल गई थी।